(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bihar Assembly By-Election: कुशेश्वर स्थान विधानसभा क्षेत्र का पूरा समीकरण जानें, इसी सीट को लेकर RJD और कांग्रेस में मचा था बवाल
जेडीयू विधायक शशिभूषण हजारी के निधन के बाद कुशेश्वर स्थान विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में मुकाबला दिलचस्प है. इस सीट से आठ प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं.
दरभंगाः कुशेश्वर स्थान विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर जेडीयू सुशासन और बाढ़ के स्थाई समाधान को मुद्दा बनाया है तो आरजेडी ने जातीय समीकरण के आधार पर प्रत्याशी उतारा है. आरजेडी ने पहली बार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा कुशेश्वर स्थान में मुस्लिम-यादव मतदाता के साथ मुसहर जाति के वोट को गोलबंद करने का प्रयोग किया है. वहीं, दूसरी ओर यह सीट ऐसी थी कि इस बार गठबंधन में होते हुए भी आरजेडी ने कांग्रेस को यह सीट नहीं दी. इसी को लेकर दोनों पार्टियों में बवाल मच गया. कांग्रेस का कहना था कि कुशेश्वर स्थान उसकी परंपरागत सीट है तो वहीं लालू यादव ने कह दिया कि कांग्रेस वो हारने के लिए सीट नहीं दे सकते हैं.
कुशेश्वर स्थान विधानसभा में लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने वाले जेडीयू विधायक शशिभूषण हजारी के निधन के बाद हो रहे उपचुनाव में मुकाबला दिलचस्प है. नए परिसीमन में सिंघिया विधानसभा से अलग कुशेश्वर स्थान विधानसभा का सृजन वर्ष 2010 में हुआ था. लगातार तीसरी बार वर्ष 2020 में कुशेश्वर स्थान विधानसभा में महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्यासी डॉ. अशोक राम से मामूली वोट के अंतर से शशिभूषण हजारी ने जीत हासिल किया था. विकास की मुख्यधारा से दूर कुशेश्वर स्थान में पहले विकास के मुद्दे पर चुनाव होता था परंतु इस बार एक और सत्तारूढ़ पार्टी जेडीयू ने अपनी पूरी ताकत चुनाव जीतने के लिए लगा दी तो वहीं आरजेडी ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी है.
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वोटरों को गोलबंद करने की आरजेडी ने की कोशिश
एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विधनसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, मंत्री संजय झा सहित दर्जनों मंत्री एवं विधायक लगातार क्षेत्र में जमे रहे तो दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी लगातार रोड शो, नुक्कड़ सभा सहित जनसंपर्क में लगे रहे. लालू यादव अस्वस्थ रहते हुए भी जनसभा कर मुस्लिम-यादव समीकरण के साथ मुशहर जाति के गणेश भारती को उम्मीदवार बनाकर आरजेडी को ए टू जेड की पार्टी बताकर मुसहर वोटरों को गोलबंद करने का कोशिश की है. पिछले चुनाव में मुशहर जाती के लोग अपनी जाति का प्रत्याशी नहीं होने और नीतीश कुमार के महादलित प्रेम के कारण जेडीयू को वोट करते रहे.
वहीं कांग्रेस भी इस चुनाव में जीत का दावा कर रही है पिछले चुनाव में बहुत कम मत से हुई हार और युवा प्रत्याशी अतिरेक कुमार के उम्मीदवारी से होने वाले मत के फायदे के आधार पर जीत का दावा कर रही है. आरजेडी की नजर वैश्य एवं मुशहर वोटरों पर है. तारापुर में वैश्य वोटर और कुशेश्वरस्थान में मुशहर वोटर की बड़ी तादाद है. तारापुर के वैश्य वोटर साथ कुशेश्वर स्थान के वैश्य वोटर को गोलबंद करने का पूरा प्रयास किया गया है.
दरअसल, कुशेश्वर स्थान विधानसभा का एक बड़ा भूभाग बाढ़ के प्रभावित रहा है जिसका स्थाई समाधान का वादा नीतीश कुमार कर रहे हैं जिसकी जिम्मेदारी जल संसाधन मंत्री को मुख्यमंत्री दे रखी है. कुशेश्वरस्थान प्रखंड के सतिघाट से लेरझा व राजघाट सड़क विगत 15 साल से नहीं बनने से आक्रोशित यादव मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र की जनता खास नाराज है. वहीं सिसौनी मोड़ से पोखराम पटनिया सड़क के जर्जर होने से ब्राह्मण मतदाता भी नाखुश है. अब देखना यह है कि जनता नीतीश कुमार के सुशाशन और विकास के वादे को मानकर मतदान करती है या बाढ़ और जर्जर सड़क से परेशान जनता नए विकल्प को चुनती है.
(दरभंगा से पुरुषोत्तम कुमार की रिपोर्ट)
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