Bihar Politics: बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों की सियासी कसरत शुरू हो गई है. एक तरफ जहां नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सत्ता में वापसी के सपने संजोए जोर-शोर से जुट गए हैं तो वहीं दूसरी तरफ तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन सत्ता में आने के लिए भी टाइट है. इसी बीच आज (सोमवार) से सीएम नीतीश कुमार की 'प्रगति यात्रा' (Pragati Yatra) शुरू हुई है तो वहीं दूसरी ओर जेडीयू ने एक बड़ा संदेश भी दे दिया है. पार्टी की ओर से एक्स (X) हैंडल पर एक पोस्टर जारी कर स्लोगन लिखा गया है, "जब बात बिहार की हो, नाम सिर्फ नीतीश कुमार का हो."


सवाल है कि अभी जब 2025 के विधानसभा चुनाव में वक्त है तो पोस्टर जारी कर किसे इशारा किया गया है? एनडीए में जब 2025 के विधानसभा चुनाव के नेतृत्व को लेकर चर्चाओं को बाजार गर्म है इसी बीच पोस्टर पर लिखा गया संदेश कहीं न कहीं ये बता रहा है कि जो हैं नीतीश कुमार ही हैं. पोस्टर के साथ ही एक्स पर हैशटैग में लिखा गया है, "नीतीश_हैं_सबके_फेवरेट". हालांकि बिहार बीजेपी के नेता यह जरूर कह रहे हैं कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाना है.


बिहार के सियासी नब्ज पकड़ने की कवायद


माना जा रहा है नीतीश कुमार 'प्रगति यात्रा' के जरिए बिहार की जनता की सियासी नब्ज टटोलना चाहते हैं. वे यात्रा के जरिए सियासी संदेश देना चाहते हैं कि जो विकास कार्य हुए हैं वो नीतीश कुमार की सरकार में ही हुए हैं. यानी इन विकास कार्यों का श्रेय लेकर नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव में अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हैं.






JDU का पोस्टर के जरिए बड़ा संदेश


एक तरफ नीतीश कुमार आज (23 दिसंबर) से 'प्रगति यात्रा' पर निकले हैं और दूसरी ओर यह पोस्टर यह बताने के लिए काफी है कि पार्टी चुनावी मोड में है. नीतीश कुमार के बिना बिहार का विकास संभव नहीं है. इसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि नीतीश के बिना ना ही आरजेडी और ना ही बीजेपी पिछले दो दशकों से सरकार बनाने की स्थिति में रही है.


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