नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान फिलहाल मौजूदा हफ्ते में होने की संभावना काफी कम है क्योंकि खुद मुख्य चुनाव आयुक्त ने साफ किया है कि अगले कुछ दिनों में केंद्रीय चुनाव आयोग की एक टीम बिहार चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बिहार दौरे पर जाएगी. बिहार दौरे पर जाने के बाद वहां के संबंधित विभागों और अधिकारियों के साथ बातचीत करने के अलावा जमीनी स्तर पर तैयारियों का जायजा लेने के बाद वापस आएगी और फिर चुनाव की तारीखों को लेकर चर्चा होगी.


टीम के दौरे से वापस आने के बाद किया जाएगा चुनावों की तारीखों का ऐलान !


केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त के बयान पर अगर गौर किया जाए तो इस हिसाब से केंद्र चुनाव आयोग की टीम अगर अगले दो से 3 दिनों में भी बिहार दौरे पर जाती है और वहां पर दो से 3 दिन गुजारती है तो इस हिसाब से यह हफ्ता निकल जाएगा. केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम के वापस दिल्ली लौटने के बाद अगले एक दो दिनों के दौरान केंद्रीय चुनाव आयोग में बैठक करेगी जिसमें बिहार के हालातों और चुनावों को लेकर तैयारियों को लेकर चर्चा की जाएगी. एक बार जब ये चर्चा पूरी हो जाएगी उसके बाद ही चुनाव की तारीखों का ऐलान का फैसला होगा. इस लिहाज से यह माना जा सकता है कि केंद्रीय चुनाव आयोग बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान 27 सितंबर से लेकर 3 अक्टूबर वाले हफ्ते के दौरान कर सकता है.


पिछले चुनावों की तुलना में अतिरिक्त पोलिंग स्टेशन और लोग होंगे तैनात


चुनाव आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों में 34,000 अतिरिक्त पोलिंग स्टेशन तैयार किए जाएंगे जो कि पिछली बार की तुलना में 45 फीसदी ज्यादा होंगे. इस तरह से बिहार के विधानसभा चुनाव के दौरान करीब 1 लाख 6 हजार पोलिंग स्टेशनों पर होगा मतदान. इसी वजह से पिछले चुनावों की तुलना में इन चुनावों में 1 लाख 80 हज़ार से ज्यादा लोगों की जरूरत पड़ेगी. जिनकी मदद से चुनाव को सही तरीके से संपन्न कराया जा सके.


80 साल के कम उम्र के लोगों को नहीं मिलेगा पोस्टल बैलट से मतदान का अधिकार


इस सबके बीच चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि 65 साल से ज्यादा उम्र के मतदाताओं को पोस्टल बैलट का इस्तेमाल कर मतदान करने की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी जिसको लेकर पहले चर्चा की गई थी. हालांकि कुछ वक्त पहले चुनाव आयोग ने एक निर्देश जारी करते हुए कहा था कि कोरोना काल में 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को किसी तरह के संक्रमण का खतरा ना हो उसी को ध्यान में रखते हुए उनको पोस्टल बैलट का इस्तेमाल कर मतदान का अधिकार दिया जाएगा. चुनाव आयोग के इस सुझाव पर कई राजनीतिक दलों ने आपत्ति दर्ज करवाई थी जिसके बाद अब चुनाव आयोग ने अपने उस निर्देश को वापस ले लिया है. लेकिन 80 साल से ज्यादा उम्र के मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलट सुविधा उपलब्ध रहेगी.


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