पटना: साल के अंत में बिहार विधानसभा चुनाव प्रस्तवित है. ऐसे में चुनाव नजदीक देखते हुए चुनाव आयोग ने बिहार की सभी राजनीतिक पार्टियों को रिमाइंडर भेजा है और कोरोना महामारी के बीच चुनाव कराए जाने और रैली किए जाने को लेकर पार्टियों सुझाव मांगा है. आयोग ने सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील की है कि वह 11 अगस्त तक अपना सुझाव भेज दें.


चुनाव आयोग ने मंगलवार को पत्र जारी कर कहा, " इस संबंध में 17 जुलाई को भी पत्र जारी कर 31 जुलाई तक सभी पार्टियों से सुझाव मांगा गया था. लेकिन अब तक कई पार्टियों के सुझाव नहीं आए हैं. आयोग ने देश में कोरोना उत्पन्न स्थिति को देखते हुए उन पार्टियों को और समय देने का फैसला लिया है, जिन्होंने अब तक सुझाव नहीं भेजा है. ऐसे में आयोग आपसे अपील करती है कि 11 अगस्त तक चुनाव और चुनाव प्रचार किस तरह किया जाए, इस संदर्भ में आप अपना सुझाव भेज दें.


मालूम हो कि चुनाव आयोग के निर्देश के बाद आरजेडी और एलजेपी ने चुनाव आयोग को चुनाव संबंधी सुझाव भेज दिया है. जबकि जेडीयू, बीजेपी समेत अन्य पार्टियों ने अब तक सुझाव नहीं भेजा है. आरजेडी द्वारा लिखे गए पत्र में सुझाव कम चुनाव आयोग से सवाल ज्यादा पूछा गया है. आरजेडी ने चुनाव आयोग से पूछा है कि वोटरों के जान की कीमत पर चुनाव कराना कितना उचित है? चुनाव आयोग को क्यूं लगता है कि चुनाव कराया जाना चाहिए? वो इस बात को जनता के साथ साझा करें.


वहीं, एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी चुनाव आयोग को जो पत्र लिखा है उसे देख लगता है कि उन्होंने आरजेडी के सुर से अपना सुर मिलाया है. चिराग ने आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि मौजूदा समय चुनाव कराने के लिए उपयुक्त नहीं है. इस समय चुनाव कराना वोटरों को मौत के मुंह में धकेलने जैसा होगा. अभी के समय में सारी ताकत कोरोना से लड़ने में लगाने की जरूरत है.