पटना: पूर्व सांसद और बाहुबली आनंद मोहन (Anand Mohan) की आज रिहाई हो गई. गुरुवार की अल सुबह उनकी रिहाई हुई है. चोरी-चुपके से की गई इस रिहाई की वजह सामने नहीं आई है. बुधवार (26 अप्रैल) तक यह जानकारी थी कि सहरसा जेल (Saharsa Jail) से आनंद मोहन की रिहाई गुरुवार दोपहर तक होनी है. कागजी प्रक्रिया पहले ही पूरी हो गई थी. गुरुवार की सुबह जब समर्थक जेल के बाहर पहुंचने लगे तब पता चला कि आनंद मोहन को सुबह में ही छोड़ दिया गया है.
आनंद मोहन अपने बेटे और आरजेडी विधायक चेतन आनंद की सगाई पर 15 दिनों की पैरोल पर बाहर आए थे. बुधवार को ही उन्होंने सरेंडर किया था. अब अचानक गुरुवार की सुबह उन्हें जेल से छोड़ दिया गया. इसको लेकर यह माना जा रहा है कि समर्थकों का जमावड़ा लगता, उनका स्वागत किया जाता, मीडियाकर्मी कई सवाल पूछते, इन सबसे से बचने के लिए ऐसा किया गया है. जेल से निकलने के बाद वह कहां गए इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है.
आनंद मोहन के स्वागत की थी पूरी तैयारी
पूर्व सांसद आनंद मोहन की जेल से अचानक सुबह में हुई रिहाई के बाद समर्थकों में मायूसी दिखी. सहरसा जेल के बाहर कुछ समर्थक सुबह ही पहुंच गए थे. उनसे एबीपी न्यूज़ ने बात की. समर्थकों का कहना था कि उन्हें नहीं पता था कि कुछ ऐसा हो जाएगा. आनंद मोहन को अचानक सुबह में ही छोड़ दिया जाएगा. यह भी बताया जा रहा है कि आनंद मोहन के स्वागत की भी तैयारी थी. अब अचानक जेल से छोड़ दिए जाने के बाद समर्थक यह नहीं कर पाए.
किस केस में आनंद मोहन ने सजा काटी?
- 4 दिसंबर 1994 को छोटन शुक्ला की हत्या
- आनंद मोहन की पार्टी के नेता थे छोटन शुक्ला
- 5 दिसंबर 1994 को मुजफ्फरपुर में जोरदार हंगामा
- आनंद मोहन की अगुवाई में प्रदर्शन
- आनंद मोहन ने भीड़ को उकसाया
- प्रदर्शन के दौरान कृष्णैया गोपालगंज लौट रहे थे
- गुस्साई भीड़ का कृष्णैया की गाड़ी पर हमला
- पहले पीटा गया, फिर गोली मारकर हत्या
जेडीयू प्रवक्ता ने क्या कहा?
आनंद मोहन की रिहाई पर जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि यह सब कानूनी प्रक्रिया है. हम लोग न्यायालय के फैसले का, कानून का सम्मान करते हैं. इसको कुछ लोग बेवजह राजनीति से जोड़कर देख रहे हैं ताकि उनका लाभ हो सके. आनंद मोहन का आचरण जेल के अंदर अच्छा रहा है. इस मसले पर विशेष टिप्पणी करना उचित नहीं है.
जेल मैनुअल में किया गया था बदलाव
बता दें कि जेल मैनुअल में संशोधन करने के बाद बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन समेत 27 कैदियों को रिहा करने का फैसला लिया गया था. विधि विभाग ने नोटिफिकेशन जारी किया था. आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या मामले में सजा पूरी कर चुके हैं. करीब 15 साल जेल में रहे. बेटे और आरजेडी विधायक चेतन आनंद की सगाई के लिए पैरोल पर जेल से आए थे. 26 अप्रैल को सहरसा जेल में सरेंडर किया. आज गुरुवार की सुबह रिहाई हो गई.
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