Bihar News: जहानाबाद के सिद्धेश्वर में और बड़ी होती त्रासदी अगर स्वाति और रूपा ना होतीं, जानिए इन महिलाओं ने कैसे अपनी जान पर खेला
Jehanabad Stampede: जहानाबाद त्रासदी के बीच अपनी जान की परवाह किए बगैर स्वाति और रूपा ने कई घायलों को बाहर निकाला था. इस कारण कई लोगों की जान बच गई. आज लोगों की जुबान पर इनकी प्रशंसा है.
Swati And Rupa Saved Lives of Many People: जहानाबाद के वाणावर पहाड़ पर रविवार की रात और सोमवार की अहले सुबह के बीच मची भगदड़ में आठ लोगों की मौत हो गई थी. इसे लेकर जहां एक ओर प्रशासनिक चूक व लापरवाही को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर एक बात यह भी है कि इस दौरान वहां तैनात अधिकारी और पुलिस बल की तत्परता ने कई लोगों को काल के गाल में समाने से बचा लिया.
दो महिलाओं ने दिखाया साहस
इस त्रासदी में अपने साहस, विवेक, बुद्धि और मानवीय संवेदना दिखाने को लेकर हुलासगंज बीडीओ स्वाति कुमारी और विशुनगंज थाने में तैनात पुलिस कांस्टेबल रूपा कुमारी की चर्चा लोगों की जुबान पर है. उस अंधेरी रात और भगदड़ के बीच अपनी जान की परवाह किए बगैर इन दोनों ने जिस प्रकार भगदड़ में दबे घायलों को बचाने का काम किया वो वाकई प्रशंसनीय ही नहीं बल्कि मानवता की एक नजीर है.
दरअसल रविवार की काली रात बाबा सिद्धेश्वर नाथ के मंदिर के समीप हुई भगदड़ के बाद जो मंजर था, उसे देख और सुन कर सिहरन पैदा हो जाती है. चारो ओर कोलाहल मचा था लोग अपनी जान बचाने के लिए दूसरे को रौंदते हुए भागे जा रहे थे. इस बीच अपनी जान की परवाह किए बगैर हुलासगंज बीडीओ स्वाति ने मोर्चा संभाला. मौके पर स्टेचर नहीं था. उन्होंने आस-पास के दुकानदारों व श्रद्धालुओं से बोरे और टाट मांगकर जख्मी लोगों को वहां से निकालकर इलाज के लिए भेजा.
इस दौरान इस मोर्चे पर पहाड़ पर तैनात पुलिस कांस्टेबल रूपा कुमारी ने बेहोश महिलाओं व बच्चों के मुंह में अपने मुंह से सांस भरकर कई लोगों की जान बचाई. प्रत्यक्षदर्शी सुबोध ने बताया कि एक महिला तो मृतकों के साथ पड़ी थी. लोग उसे भी मरा समझ रहे थे, लेकिन कांस्टेबल रूपा ने पाया कि उसकी सांस चल रही है. उसके बाद उन्होंने अपने मुंह से उक्त महिला के मुंह में सांस भरी. काफी देर के प्रयास के बाद वह महिला होश में आ गई.
कांस्टेबल रूपा की तबीयत भी बिगड़ी
इधर रूपा के इस परोपकार में उनकी तबीयत भी बिगड़ गई, लेकिन उन्होंने अपने प्रयास से कई लोगों का जीवन बचा लिया. इस कार्य में इन लोगों के अलावा एसआई फूलचंद यादव, सिपाही मनीष भारती ने भी काफी सहयोग प्रदान किया. लोग बताते हैं कि इन प्रयासों के कारण मौत का आंकड़ा आठ तक ही थम गया, वरना इसकी संख्या कहीं अधिक होती.