पटना: बिहार में बीते दिनों बिजली के लिए हाय तौबा मचा हुआ था. बिजली की आपूर्ती नहीं होने के कारण जहां जनता त्राहिमाम कर रही थी. वहीं, विपक्ष सूबे की नीतीश सरकार (Nitish Government) को घेर रहा था. उस वक्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने ये कहा था कि वे इस मुद्दे के समाधन के लिए काम कर रहे हैं और जल्द ही इसका निपटारा हो जाएगा. इसी बीच ये खबर सामने आ रही है कि बिजली के मामले में बिहार सरप्लस राज्य बन गया है. बाजार से मंहगे कीमतों पर बिजली खरीद कर आपूर्ति करने वाला बिहार अब बाजार में बिलजी बेचने की स्थिति में आ गया है.
आरजेडी शासनकाल पर साधा निशाना
ऐसे में ये अनुमान लगाया जा रहा है कि अतिरिक्त बिजली की बिक्री से राज्य सरकार को जो फायदा होगा, उससे विकास कार्य होंगे. साथ ही भविष्य में बिजली के दरों पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा. इधर, बिहार की इस उपलब्धि के लिए मंत्री संजय झा (Sanjay Jha) ने सीएम नीतीश की तारीफ की है. वहीं, आरजेडी (RJD Regime) शासनकाल पर निशाना भी साधा है.
सीएम नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले नेता संजय झा ने ट्वीट कर कहा " बिहार में ई बा. डेढ़ दशक पहले तक बिजली के लिए तरसने और लालटेन युग में जीने वाला बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दृढ़ इच्छाशक्ति व दूरदर्शिता की वजह से सरप्लस पावर स्टेट बन गया है. जिन गांवों में आजादी के छह दशक बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी, वहां भी हर घर में उजाला है."
बिहार सरप्लस पावर स्टेट बना
बता दें कि बिहार को अधिकतम 6500 मेगावाट पावर के आसपास की जरूरत है. जबकि मौजूदा समय में राज्य का केन्द्रीय कोटा 7000 मेगावाट से अधिक हो गया है. इसमें एनटीपीसी समेत अन्य पावर प्लांट से मिलने वाली बिजली शामिल है. जबकि, इस साल राज्य के बाढ़, बरौनी और नवीनगर बिजलीघर से बिजली की आपूर्ति होनी शुरू हो गई है, ऐसे में एक्ट्रा पावर उत्पन्न होने की वजह से बिहार सरप्लस पावर स्टेट बन गया है.
जानकारी अनुसार तीनों बिजलीघरों से बिहार को लगभग 675 मेगावाट बिजली की आपूर्ति शुरू हुई है. ऐसे में बिजली खरीद के मामले में अब बाजार पर बिहार को निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. साथ ही आने वाले दिनों में बिजली के बिक्री की भी संभावना बनी हुई है.
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