Bihar News: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर हमला करने वाले आरोपी को कोर्ट ने दी जमानत, वकील ने दी ये दलील
वकील ने कहा कि मो. सैफी टोपी पहने हुए थे और दाढ़ी बढ़ी हुई थी, जिस कारण केंद्रीय मंत्री उनसे मिलना नहीं चाह रहे थे, तो सैफी ने मिलने के लिए दबाव बनाया था, तभी उनको पकड़ लिया गया.
Bail To Accused Mohammad Saify: बिहार के बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के उपर हमला करने वाले आरोपी को कोर्ट ने जमानत याचिका को मंजूर कर ली है. पिछले दिनों पांच दिवसीय यात्रा पर केंद्रीय मंत्री सह बेगूसराय के स्थानीय सांसद गिरिराज सिंह जिले के दौरा पर थे, इसी दौरा के तहत शनिवार को जनता दरबार का आयोजन था. इसी जनता दरबार में मो. शहजादुज्जमा उर्फ़ मो. सैफी अपने क्षेत्र कि समस्या को लेकर केंद्रीय मंत्री से मिलने गए थे, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री साहित उनके कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि मो. सैफी ने मंत्री पर हमला किया है.
इसके बाद कार्यकर्ताओं और सुरक्षा बलों ने मो. सैफी को हिरासत में ले लिया था. उनका माइक छिन लिया गया और उनके साथ बदतमीजी की इसके साथ ही मो. सैफी पर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का भी आरोप लगाकर उन्हें जेल भेज दिया गया. 03 सितंबर दिन मंगलवार को केंद्रीय मंत्री सह स्थानीय सांसद गिरिराज सिंह के उपर हमला करने वाले मो सैफी को ज़मानत याचिका मंजूर कर ली गई है. ज़मानत याचिका मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के जगह अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अखिलेश कुमार ने मंजूर की. 5000 के दो मुचलका पर बेल ग्रांट हुआ है.
अधिवक्ता ने क्या कहा
जमानत याचिका पर मो. सैफी कि ओर से अधिवक़्ता प्रमोद कुमार ने बहस किया. अधिवक़्ता प्रमोद कुमार ने कहा कि चुकि मो. सैफी एक जनप्रतिनिधि है वो आम आदमी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष रह चुके है. अधिवक़्ता संघ और वकील संघ के सक्रिय सदस्य है. वर्तमान मे वो बलिया नगर परिषद के वार्ड नंबर 25 के वार्ड पार्षद हैं, साहेबपुर कमाल विधानसभा के चुनाव प्रभारी है. वो कोई आम व्यक्ति नहीं है, वो एक जनप्रतिनिधि है. अपने क्षेत्र कि समस्याओ को लेकर वो मंत्री, विधयाक, अधिकारी के पास जा सकते हैं और अपने क्षेत्र कि समस्याओं से अवगत कराने का उनका अधिकार है.
उसी तरह मो. सैफी उस दिन भी (शनिवार) केंद्रीय मंत्री सह स्थानीय सांसद से बलिया के कई समस्याओं से अवगत कराने के लिए गए थे. मगर मो. सैफी टोपी पहने हुए थे और दाढ़ी बढ़ी हुई थी, जिसके कारण केंद्रीय मंत्री उनसे मिलना नहीं चाह रहे थे, तो इन्होंने मिलने के लिए दबाव दिया, जिसके बाद उनके कार्यकर्ताओं ने मो. सैफी के साथ बदतमीजी पर उतर गए. इन्हीं सभी बातों से माननीय अपर मुख्य न्यायिक दंडधिकारी महोदय को अवगत कराया, जिसके बाद मो. सैफी की ज़मानत याचिका को मंजूर कर लिया गया.
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