पटना: बिहार अभियंत्रण सेवा संघ (बेसा) के महासचिव डॉ. सुनील कुमार चौधरी ने बिहार में बाढ़ से बचाव के लिए फ्लड मैनेजमेन्ट सपोर्ट इन्फोर्मेशन सेन्टर को सुदृढ़ करने की मांग की है. डॉ. चौधरी ने मंगलवार को बताया कि बिहार एक बहुआपदा प्रवण राज्य है, जिसका 73 प्रतिशत हिस्सा बाढ़ से प्रभावित है. सूबे के जल संसाधन विभाग के फ्लड मैनेजमेंट इनफॉर्मेशन सपोर्ट सेन्टर (एफएमआईएससी) में उच्च तकनीक के जरिए अर्ली वार्निग सिस्टम और मेथेमेटिकल मॉडलिंग की स्थापना की गई, जिसके द्वारा बाढ़ और बारिश की भविष्यवाणी 72 घंटे पहले की जाती है.
सिस्टम की क्षमता रह जाती है 80 प्रतिशत
उन्होंने कहा, " भविष्यवाणी के परिणाम स्वरूप जिला प्रशासन को प्रिवेन्टिव मेजर लेने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है. लेकिन अभियंताओं की भारी कमी के कारण नदियों का क्रॉस सेक्शन नियमित समय अंतराल पर प्राप्त नहीं हो पाता है. ऐसे में इन सिस्टम की क्षमता 80 प्रतिशत रह जाती है और सभी नदियों के कैचमेन्ट एरिया में सटीक भविष्यवाणी भी नहीं हो पाती है."
अभियंताओं के खाली पड़े पदों को अविलंब भरा जाए
बिहार अभियन्त्रण सेवा संघ मांग की है कि बिहार को बाढ़ से बचाने के लिए अभियंताओं के खाली पड़े पदों को अविलंब भरा जाए, नियत अंतराल पर नदियों का क्रॉस सेक्शन लिया जाए, ऑटोमेटिक गेज की स्थापना की जाए और अभियंताओं को सुविधाओं से लैस कर फ्लड मैनेजमेन्ट सपोर्ट इन्फोर्मेशन सेन्टर को सुदृढ़ किया जाए, ताकि आने वाले दिनों में बाढ से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके.
जल संसाधन मंत्री ने कही थी ये बात
बता दें कि राज्य में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए जल संसाधन विभाग युद्धस्तर पर काम कर रहा है. बीते दिनों बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने ट्वीट कर कहा था, " बिहार में बाढ़ से नुकसान को कम करने के मुख्यमंत्री के निर्देश पर जल संसाधन विभाग तत्परता से काम कर रहा है. विभाग की ओर से 72 घंटे पहले सटीक पूर्वानुमान जारी करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लिया जा रहा है. तटबंधों की निगरानी में ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जाएगा."
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