Father Reached Hospital With Child Dead Body: अंधविश्वास की जड़ें बिहार में इतनी मजबूत हैं कि इन्हें उखाड़ फैंकना काफी मुश्किल है. तमाम जागरुकता और शिक्षा के बाद भी कई लोग इसके जाल में फंस ही जाते हैं. एक बार फिर अंधविश्वास के जाल में फंस कर एक पिता अपनी मरी हुई बेटी को जमीन से निकाल कर इलाज कराने अस्पताल पहुंच गया और डॉक्टर से कहा कि इसे ऑक्सीजन लगाईये ये जिंदा है.


मिट्टी में दफन बच्ची को बाहर निकाला


पूरा मामला भागलपुर के नवगछिया का है, जहां एक दिन पहले शुक्रवार (21 जून) को एक बच्ची की मौत किसी बीमारी की वजह से हो गई थी, जिसे परिवार वालों ने मिट्टी में दफन कर दिया था, लेकिन झाड़-फूंक करने वाली ओझा के चक्कर में आकर परिवार वालों ने मृत बच्ची को जमीन से निकाल कर नवगछिया अनुमंडल अस्पताल लाकर जमकर हंगामा किया और बच्ची के जिंदा होने की बात कही. मामला यहीं तक नहीं रुका झाड़-फूंक करने वाली महिला ने अनुमंडल अस्पताल पहुंच कर वहां भी मृत हो चुकी बच्ची का झाड़-फूंक के जरिए जिंदा करने का दावा करने लगी.


दरअसल नवगछिया थाना क्षेत्र के नोनिया पट्टी के रहने वाले भगवाना महतो की 10 महीने पुत्री हर्षिता कुमारी का पिछले दो दिनों से नवगछिया के एक निजी क्लीनिक में इलाज चल रहा था. शुक्रवार को उसकी तबीयत ज्यादा खराब होने के बाद उसे परिजन भागलपुर के तिलकामांझी चौक पर स्थित एक निजी अस्पताल लेकर गए. यहां डॉक्टरों ने बच्ची की मृत घोषित कर दिया, जिसके बाद परिवार वालों ने उसे नवगछिया लाकर करीब 4 बजे शाम में मिट्टी में दफन कर दिया था.  लेकिन झाड़-फूंक करने वाली एक महिला सोनी देवी ने दावा किया कि मेरे शरीर पर भगत आते है उन्होंने ही कहा है तुम्हारी बच्ची जिंदा है, उसे अस्पताल लेकर चलो मैं मृत हो चुकी बच्ची को जिंदा कर दूंगी.


सैकडों की संख्या में ग्रामीणों पहुंचे अस्पताल


इसके बाद परिवार वाले उसके झांसे में आ गए और मिट्टी में दफन बच्ची को जमीन से निकाल कर सैकडों की संख्या में ग्रामीणों के साथ अनुमंडल अस्पताल पहुंच गए और वहां डॉक्टरों से कहा की बच्ची जिंदा है और इसे ऑक्सीजन दीजिए और झाड़-फूंक करने वाली महिला सोनी देवी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ही बच्ची का फूल और पानी से झाड़-फूंक करने लगी. जब डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि बच्ची की मौत हो चुकी है तो मृत बच्ची के परिजन और ग्रामीण अस्पताल में हंगामा करने लगे. इसके बाद अस्पताल प्रबंधक ने नवगछिया थाना को फोन किया और पुलिस के पहुंचने के बाद मामला शांत हुआ. वहीं झाड़-फूंक करने वाली महिला सोनी देवी को पुलिस कस्टडी में लेकर थाने लेकर गई.


मृत बच्ची के पिता भगवाना महतो ने कहा कि बच्ची को बुखार हुआ था, जिसको इलाज के लिए नवगछिया के चंदन डॉक्टर के यहां के लेकर गए थे, जहां डॉक्टर ने बच्ची को एक सुई लगाई घर आने के बाद अगले दिन बच्ची की जायदा तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद उसे भागलपुर लेकर गए. तिलकामांझी चौक पहुंचते ही बच्चे ने सांस छोड़ दिया. डॉक्टर के पास लेकर गए तो डॉक्टर ने कहा कि बच्ची की मौत हो गई है, वहां से वापस नवगछिया आए और शाम करीब 4 बजे बच्ची को मिट्टी में दफन कर दिए. 


वहीं अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर बुचकून दास नवगछिया ने कहा कि झाड़-फूंक करने वाली महिला सोनी देवी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ही बच्ची का फूल और पानी से झाड़-फूंक करने लगी और जब डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि बच्ची की मौत हो चुकी है तो मृत बच्ची के परिजन और ग्रामीण अस्पताल में हंगामा करने लगे. अस्पताल प्रबंधक से सूचना मिली तो पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मामला शांत कराया. 


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