Bhojpur Sand Mining: भोजपुर में शनिवार (15 जून) की रात से जिले में अगले चार महीने तक बालू घाटों पर बालू खनन का काम बंद कर दिया जाएगा. इससे जिले सहित पूरे बिहार में बालू की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमानुसार बरसात के पहले खनन का काम बंद कर दिया जाता है. एनजीटी ने मानसून को देखते हुए यह निर्णय लिया है ताकि पर्यावरण का कोई नुकसान नहीं हो सके.
बरसात के मौसम में हर साल बंद होता है खनन
भोजपुर डीएम राज कुमार ने बताया कि एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ) के नियमानुसार बरसात के मौसम में हर साल सोन नदी से बालू का खनन बंद किया जाता है. 15 जून की रात से बंद हुआ बालू खनन का कार्य 15 अक्टूबर को शुरू होगा. इस बीच जिले में बालू की किल्लत न हो, इसके लिए बालू घाट संचालकों की ओर से पर्याप्त मात्रा में बालू का स्टॉक किया जा रहा है.
घाट संचालकों की ओर से व्यापक मात्रा में बालू का भंडारण किया जा रहा है, ताकि बालू खनन बंद रहने की अवधि में जिले में बालू की किल्लत न हो. हालांकि, भंडारण किया गया अधिकतर बालू अन्य राज्यों में निर्यात किया जाता है. ऐसे में लोगों को मकान निर्माण के लिए लोगों को महंगा और मनमानी दर पर खरीदना पड़ता है. हालांकि, खनन विभाग की ओर से भंडारण किये गये बालू की बिक्री दर निर्धारित की जाती है.
बरसात में मनमानी कीमत पर की जाती है बिक्री
ऐसा देखा जाता रहा है कि निर्धारित दर पर स्टॉक के बालू की बिक्री नहीं की जाती है और मनमानी कीमत पर बिक्री कर मुनाफा कमाया जाता है. राज्य के खान निदेशक मोहम्मद नैय्यर इकबाल ने इसका आदेश जारी करते हुए सभी जिलों के डीएम और एसपी को पत्र भेज दिया है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर फैसला लिया गया है कि राज्य के किसी भी बालू घाट से अगले 4 महीनों तक बालू का उठाव नहीं होगा.