बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने किया कविता वार, लिखा- हे कांग्रेस...
बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने अपने विरोध का अनोखा तरीका इजात किया और कविता के जरिए कांग्रेस समेत विपक्षी दलों और नेताओं पर हमला बोल दिया.
पटना: देश में कृषि कानून के विरोध में किसानों के समर्थन में विपक्षी दलों का आज भारत बंद है. इस बंद के दौरान विपक्षी दल के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध करते रहे और केन्द्र की नीति को किसान विरोधी ठहराने में जुटे रहे और इधर इन सब के बीच बीजेपी भी विपक्षी दलों पर पलटवार करती नजर आई. बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने अपने विरोध का अनोखा तरीका इजात किया और कविता के जरिए कांग्रेस समेत विपक्षी दलों और नेताओं पर हमला बोल दिया.
बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कविता के माध्यम से विपक्ष पर निशाना साधते हुए हमला बोला है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने सोशल मिडिया ( फेसबुक) के माध्यम से तंज सकते हुए लिखा है कि कांग्रेस का खेल निराला है........
बीजेपी नेता संजय जायसवाल की कांग्रेस पर कविता के माध्यम से अभिव्यक्ति
'हे कांग्रेस' तेरे खेल निराले पिस रहे हैं भोले-भाले थोड़ी तो खुद पर शर्म करो देश पर थोड़ा रहम करो! क्या पाओगे झूठ बोलकर? सच्चाई का गला घोंटकर, गांधीजी को याद करो ना देश को यूं बर्बाद करो! सोचो, तो जरा किसानों की गरीबों के परिवारों की मत बनो बाधक विकास में, समृद्धि के प्रकाश में! तुम्हारी राजनीति खा रही किसानी आंदोलन में तुम्हारे, घुस चुके हैं खालिस्तानी याद कर इतिहास को, थोड़ा तो कदम संभाल लो अंदर जमे कूड़े को, थोड़ा तो बाहर निकाल लो! जितना यह देश हमारा है, उतना ही वतन तुम्हारा है जिम्मेवारी का कुछ तो भान करो, जन-गण का तो थोड़ा सम्मान करो! बापू की थी यह कामना पहचान ली थी तुम्हारी भावना चाहते थे कांग्रेस भंग हो नेता जनता के संग हो पर तुमने उन्हें भी छोड़ दिया, सच्चाई से मुंह मोड़ लिया! जनता खेल गयी है जान ध्वस्त हो चुका तुम्हारा मान। बढ़ रहे तुम्हारे कदम, खुद के विनाश पर अंत पर, सर्वनाश पर!' बिहार बीजेपी प्रभारी संजय जायसवाल ने अपने फेशबुक वॉल पर आगे लिखा है कि कल शाम सोशल मीडिया व आइटी सेल के प्रदेश संयोजक मनन कृष्ण ने मुझे अपनी लिखी यह कविता सुनायी. वर्तमान समय में यह कविता इतनी सामयिक और सुंदर बन पड़ी है कि इसे आप सभी के साथ साझा करने का लोभ संवरण न कर सका. आज जब किसानों के नाम पर कांग्रेस कई तरह की धांधली कर रही है, तो इस कविता में मनन जी ने सब कुछ कह दिया है.