Bihar Politics: भूमिहार वोटरों की नाराजगी से 'सहमी' BJP! सुशील मोदी ने कहा- मंथन कर कारण जरूर तलाशेगा NDA
बीजेपी नेता ने कहा, " बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर चुनाव और विधानसभा की बोचहा सीट पर उपचुनाव में एनडीए के घटक दलों के बीच 2019 जैसा तालमेल क्यों नहीं रहा, इसकी भी समीक्षा होगी."
पटना: बिहार विधानसभा उपचुनाव में हार और एमएलसी चुनाव में संतोषजनत प्रदर्शन नहीं कर पाने को लेकर बीजेपी में बेचैनी बढ़ गई है. बिहार बीजेपी के नेता लगातार ये कहते दिख रहे हैं कि हार की समीक्षा की जाएगी. ये पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि इस तरह का जनादेश किन कारणों से आया. खासकर भूमिहार वोटरों की नाराजगी से पार्टी चितिंत है. इसी क्रम में गुरुवार को सुशील मोदी (Sushil Modi) ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है.
समीक्षा कर कमियां की जाएंगी दूर
उन्होंने कहा, " बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर हुए चुनाव में एनडीए को दस सीटों का नुकसान और फिर बोचहां विधानसभा के उपचुनाव में एनडीए उम्मीदवार का 36 हजार मतों के अंतर से पराजित होना, हमारे लिए गहन आत्मचिंतन का विषय है. एनडीए नेतृत्व इसकी समीक्षा करेगा, ताकि सारी कमियां दूर की जा सकें."
इसके बाद भी एनडीए के मजबूत जनाधार अतिपिछड़ा वर्ग और सवर्ण समाज के एक वर्ग का वोट खिसक जाना अप्रत्याशित था।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) April 21, 2022
इसके पीछे क्या नाराजगी थी, इस पर एनडीए अवश्य मंथन करेगा।
सुशील मोदी ने कहा, " बोचहां विधानसभा क्षेत्र की एक-एक पंचायत में एनडीए विधायकों-मंत्रियों ने जनता से सम्पर्क किया था. पूरी ताकत लगाई गई थी. सरकार ने भी सभी वर्गों के विकास के लिए काम किए और सबका विश्वास जीतने की कोशिश की. इसके बाद भी एनडीए के मजबूत जनाधार अतिपिछड़ा वर्ग और सवर्ण समाज के एक वर्ग का वोट खिसक जाना अप्रत्याशित था. इसके पीछे क्या नाराजगी थी, इस पर एनडीए अवश्य मंथन करेगा."
कमजोरियों और शिकायतों को कर सकें दूर
राज्यसभा सांसद ने कहा, " 2019 के संसदीय चुनाव में एनडीए के घटक दलों ने पूरे तालमेल से एक-दूसरे को जिताने के लिए मेहनत की थी, जिससे हमारा स्ट्राइक रेट अधिकतम था. गठबंधन के खाते में राज्य की 40 में से 39 सीटें आयी थीं, जबकि आरजेडी सभी सीटें हार गया था."
बीजेपी नेता ने कहा, " बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर चुनाव और विधानसभा की बोचहा सीट पर उपचुनाव में एनडीए के घटक दलों के बीच 2019 जैसा तालमेल क्यों नहीं रहा, इसकी भी समीक्षा होगी. अगले संसदीय और विधानसभा चुनाव में अभी इतना वक्त है कि हम सारी कमजोरियों और शिकायतों को दूर कर सकें."
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