पटना: राजधानी पटना में गुरुवार (14 जुलाई) को बीजेपी (BJP) ने गांधी मैदान से विधानसभा मार्च (Vidhan Sabha March) निकाला था. इस पूरे मार्च को पुलिस ने डाकबंगला चौराहे पर रोक दिया था. बाद में ये खबर आई कि एक बीजेपी के नेता की मौत हो गई है. बिहार बीजेपी के नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस की लाठीचार्ज से जहानाबाद के बीजेपी कार्यकर्ता विजय सिंह (BJP Leader Vijay Singh) की मौत हुई है. आनन-फानन में पुलिस ने जांच शुरू कर दी. गुरुवार की देर शाम पटना के एसएसपी ने इस मामले में सबूत देते हुए साफ किया कि लाठीचार्ज या भगदड़ से मौत नहीं हुई है.


पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा ने कहा कि मृतक विजय सिंह के साथी भरत प्रसाद चंद्रवंशी के बयान के आधार पर इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई है. इससे यह पता चला है कि विजय सिंह दोपहर में एक बजकर 22 मिनट पर गांधी मैदान के जेपी गोलंबर से निबंधन कार्यालय छज्जूबाग की तरफ जा रहे हैं जो डाकबंगला रोड से अलग है. एक बजकर 27 मिनट पर उसी रास्ते में दुर्गा अपार्टमेंट के सामने खाली रिक्शा दिखता है. इसी रिक्शे से वो एक बजकर 32 मिनट पर तारा हॉस्पिटल पहुंचते हैं. घटनास्थल दुर्गा अपार्टमेंट के निकट से तारा हॉस्पिटल जाने में रिक्शा से लगभग पांच मिनट का समय लगता है.


छज्जूबाग क्षेत्र में नहीं था पुलिस बल


एसएसपी ने बताया कि इससे यह स्पष्ट होता है कि विजय सिंह के साथ घटना 13:22 से 13:27 बजे के बीच छज्जूबाग क्षेत्र में ही हुई है. इस बीच वे डाकबंगला पहुंच भी नहीं सकते थे जहां पर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए (लगभग दोपहर एक बजे) हल्का बल प्रयोग हुआ था. छज्जूबाग क्षेत्र में कोई पुलिस बल नहीं था. छज्जूबाग में उक्त घटनास्थल पर सीसीटीवी कैमरे से आच्छादित नहीं पाया गया, परंतु उससे 50 मीटर पहले कैमरे में उनका आवागमन दिख रहा है.


एसएसपी राजीव मिश्रा ने जारी किए गए बयान में कहा कि इससे यह स्पष्ट होता है की विजय सिंह की मृत्यु पुलिस के लाठीचार्ज से नहीं हुई है. उनके शरीर पर कोई चोट के निशान भी नहीं पाए गए हैं. मृत्यु का वास्तविक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा.


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