पटना: बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रवक्ता निखिल आनंद (Nikhil Anand) ने बिहार की महागठबंधन सरकार पर नई नौकरी देने का झूठा और फर्जी दावा करने का आरोप लगाया. बुधवार को निखिल आनंद ने बिहार सरकार द्वारा नियुक्ति घोटाले/रिक्रूटमेंट फ्रॉड करने की बात कही. उन्होंने कहा कि पटना के गांधी मैदान में 16 नवंबर को जिन 10 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उपमुख्यमंत्री तोजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने नियुक्ति पत्र बांटा उनकी नियुक्ति एनडीए सरकार के दौरान ही हो गई है और वे ट्रेनिंग ले रहे हैं. दोबारा नियुक्ति पत्र बांटकर नीतीश और तेजस्वी इवेंट मैनेजमेंट कर रहे.
बिहार की महागठबंधन सरकार पर आरोप
निखिल आनंद ने कहा कि सरकार ने उन्हें फिर से नियुक्ति पत्र बांटने का इवेंट मैनेजमेंट किया है. बिहार में पूर्व के एनडीए सरकार के दौरान पूरी हुई यह नियुक्तियां दो से तीन साल पुरानी हैं. जिन पुलिसकर्मियों को नीतीश- तेजस्वी ने ज्वाइनिंग दी उन सभी को पहले ही ज्वाइनिंग लेटर मिल चुकी है. दारोगा को क्षेत्रीय डीआईजी और आईजी ने एक महीने पहले ही नियुक्ति पत्र दे दिया. सिपाही का जिले के एसपी की तरफ से ज्वाइनिंग लेटर दिया गया था. निखिल आनंद ने कहा कि नौ हजार के लगभग मेडिकल कर्मियों और पंचायती राज विभाग सहित अन्य विभागों में भी पहले से ही नियुक्त हुए लोगों को दोबारा नियुक्ति पत्र बांट कर महागठबंधन सरकार ने इवेंट मैनेजमेंट किया गया था.
दोबारा नियुक्ति पत्र बांट कर इवेंट मैनेजमेंट कर रही
इसी कड़ी में सबसे दिलचस्प उदाहरण राजस्व कर्मचारियों की नियुक्ति का है जिसके तहत दो अगस्त 2022 को बिहार के तत्कालीन भूमि सुधार मंत्री राम सूरत राय ने 4325 राजस्व कर्मचारियों की नियुक्ति की. उसके नियुक्ति पत्र जिलाधिकारियों के माध्यम से बांटे गए थे. इनका जिला आवंटन हो चुका, पोस्टिंग की गई और पोस्टिंग को विभाग के वेबसाइट पर अपलोड किया गया. इस संबंध में तीन अगस्त 2022 को अखबार में खबर भी छपी थी. इनको भी दुबारा नियुक्ति पत्र बांट कर बिहार सरकार ने इवेंट मैनेजमेंट किया.
बिहार सरकार नियुक्ति घोटाला कर रही है
निखिल आनंद ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री 20 लाख नौकरियों का दावा कर रहे हैं. एनडीए सरकार के दौरान हुई नियुक्तियों को अपनी नियुक्ति दिखाकर फिर से नियुक्ति पत्र बांटने का फर्जीवाड़ा कर रहे हैं. बिहार की महागठबंधन सरकार के झूठ की परत दर परत पोल खुलती जा रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव दोबारा नियुक्ति पत्र बांटकर सरासर "नियुक्ति घोटाला" या "रिक्रूटमेंट फ्रॉड" को अंजाम दे रहे हैं. बिहार की जनता की आंखों में धूल झोंक कर बेवकूफ बनाने के प्रयास के लिए चाचा- भतीजा को बिहार की जनता से सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए.
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