Bihar News: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की अध्यक्षता में रविवार (06 अक्टूबर) को सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए 'मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना' का शुभारंभ किया गया. इस दौरान 9 से 14 साल की बच्चियों को ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) का टीका लगाया गया. बिहार देश का पहला राज्य है जहां निशुल्क एचपीवी टीका लगाया जाएगा. इस मौके पर बिहार सरकार के दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा मौजूद रहे. दीघा विधायक डॉ. संजीव चौरसिया भी उपस्थिति रहे.


स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 21 अगस्त 2024 को हुई कैबिनेट की बैठक में 'मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना' की स्वीकृति दी गई थी. इसके तहत सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए 9 से 14 वर्ष उम्र की बालिकाओं को एचपीवी टीकाकरण के लिए मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से अनुदान देने की स्वीकृति हुई है. 2011 की जनगणना के अनुसार इस आयु वर्ग की अनुमानित संख्या लगभग एक करोड़ है जिनको टीका का लाभ मिलेगा. टीकाकरण पर प्रति वर्ष लगभग 150 करोड़ रुपये खर्च होंगे. 


पटना, नालंदा, सीवान समेत 5 जिलों में हुई शुभारंभ


इस मौके पर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर से बचाव संभव है, क्योंकि इसके लिए एक प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध है जो विशेष रूप से 9 से 14 साल की बालिकाओं पर प्रभावी रहता है. एचपीवी टीकाकरण का शुभारंभ प्रथम चरण में राज्य के पांच जिलों पटना, नालंदा, सीवान, पूर्णिया एवं मुजफ्फरपुर में किया जा रहा है. 


सम्राट चौधरी ने की योजना को सफल बनाने की अपील


सम्राट चौधरी ने कहा कि वैक्सीन की दो खुराक 6 माह के अंतराल पर 9 से 14 वर्ष की आयु की सभी बालिकाओं को निशुल्क दी जाएगी. राज्य में लगभग एक करोड़ बालिकाओं को एचपीवी टीका लगाए जाने का लक्ष्य है. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि इस योजना को सफल बनाने में हमारे साथ जुड़ें. यह केवल एक टीकाकरण योजना नहीं बल्कि यह एक सामूहिक प्रयास है. सम्राट चौधरी ने कहा कि जहां पहले राज्य में सिर्फ 10 या 12 मेडिकल कॉलेज हुआ करते थे आज नीतीश कुमार के संकल्प से लगभग 35 मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं.


कार्यक्रम में पहुंचे डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर, जिसे गर्भाशय ग्रीवा या बच्चेदानी के मुंह का कैंसर भी कहा जाता है, एक गंभीर बीमारी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर पांच सर्वाइकल कैंसर के मरीजों में से एक भारत में होता है और इसके मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. भारत में यह कैंसर मृत्यु-दर का एक प्रमुख कारण है और वयस्क महिलाओं में कैंसर से होने वाली सभी मौतों का लगभग 17 प्रतिशत हिस्सा है. अभी भारत में प्रत्येक वर्ष लगभग एक लाख नए सर्वाइकल कैंसर के मामले सामने आते हैं.


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