किसान महासम्मेलन में पहुंचे व्यवसायियों के साथ BJP MLA और उनके बॉडीगार्ड ने की हाथापाई
आढ़त संघ के अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना काल में सब्जी मंडी को अस्थाई रूप से यहां संचालित करवाया गया था. यह बिहार में नंबर वन स्थान रखने वाली मंडी है. ऐसे में हमलोग गृहमंत्री से मिलकर अपनी बात रखने गए थे.
समस्तीपुर: केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानून के फायदे बताने के लिए बीजेपी नेता जगह-जगह किसान चौपाल का आयोजन करने में जुटे हुए हैं. वहीं, दूसरी ओर किसान महासम्मेलन में अपनी मांग को लेकर पहुंचे किसानों को विधायक की दबंगई का सामना करना पड़ा. ताजा मामला समस्तीपुर के दलसिंहसराय का है, जहां कृषि कानून को लेकर किसान दिवस के अवसर पर किसान महासम्मेलन का आयोजन किया गया था.
सम्मेलन में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय सहित हाजीपुर, लालगंज, मोहिउद्दीननगर के विधायक, पूर्व मंत्री और विधान पार्षद सहित प्रदेश के नेता शामिल हुए. इसी दौरान बाजार समिति प्रांगण में कोरोना को लेकर अस्थाई रूप से चल रहे सब्जी मंडी को स्थाई करने, बिजली, पानी, शौचालय की व्यवस्था करने की मांग को लेकर आढ़त संघ के अध्यक्ष और कुछ गद्दीदार सांसद सह गृह राज्यमंत्री से मिलकर अपनी मांग रखने गए.
इस दौरान पहले से वहां पहुंचे संसदीय क्षेत्र के लोगों से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय बात कर रहे थे. ऐसे में गद्दीदार और बाजार समिति से जुड़े लोग जब आगे बढ़े तो उसी दौरान लालगंज के विधायक संजय सिंह और उसके अंगरक्षक ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस दौरान दोनों के बीच अनबन हो गई.
बाजार समिति से जुड़े लोगों का आरोप है कि लालगंज के विधायक और उसके अंगरक्षक ने उनके साथ हाथापाई की है. हालांकि, मामला तूल पकड़ते देख कुछ वरिष्ठ कार्यकर्ता बीच बचाव में जुट गए. वहीं, सुरक्षा व्यवस्था में तैनात पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी इस दौरान मूकदर्शक बने रहे. इसी बीच सांसद, विधायक और अन्य नेता निकल गए.
मामला को लेकर आढ़त संघ के अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना काल में सब्जी मंडी को अस्थाई रूप से यहां संचालित करवाया गया था. यह बिहार में नंबर वन स्थान रखने वाली मंडी है. ऐसे में हमलोग गृहमंत्री से मिलकर अपनी बात रखने गए थे. इस पर लालगंज के विधायक , उसके गार्ड और कुछ कार्यकर्ताओ ने बदसलूकी की.
वहीं, इस मामले पर बीजेपी जिलाध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उनके विधायक और सरकार हमेशा किसानों के पक्ष में रही है. इस तरह का जो आरोप लगा रहे हैं, ऐसा कुछ नहीं हुआ है. जो भी आरोप लगा रहे होंगे निश्चित रूप से राजनीतिक विद्वेश के कारण और पूर्वाग्रह से त्रस्त लोग होंगे.