पटना: बिहार विधानसभा के बजट सत्र (Budget Session) के अंतिम दिन बुधवार को सत्र को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थिगित कर दिया गया. सत्र के समापन से पहले जब राज्य गीत बजाया गया, तो बीजेपी (BJP) के एक विधायक के अपनी सीट से खड़ा नहीं हुए. इस पर सत्तारूढ़ महागठबंधन के नेताओं ने नाराजगी जताई और कार्रवाई की मांग की है.


'यह एक पूर्ण गान होना चाहिए'


दरभंगा जिले के जाले विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले बीजेपी विधायक जीवेश कुमार मिश्रा यह कहते हुए खड़े नहीं हुए कि राज्य गान में 18 जिलों का कोई उल्लेख नहीं है, जो मिथिला क्षेत्र का हिस्सा है. बीजेपी विधायक ने बुधवार को अनिश्चित काल के लिए सदन के स्थगित होने के बाद विधानसभा परिसर में कहा कि जाहिर है कि राज्य गान मिथिला के व्यक्तित्व और संस्कृति के बारे में बात नहीं करता है. इसमें राज्य के केवल एक विशेष हिस्से का जिक्र है. मिश्रा ने कहा कि इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के बारे में ही बात करता है. मेरा इरादा राज्य गान का अपमान करना नहीं था, लेकिन यह एक पूर्ण गान होना चाहिए.


जीवेश मिश्रा को सदन से बाहर कर दिया गया था


गौरतलब है कि बिहार विधानसभा का बजट सत्र बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. इससे पहले दिन में विपक्षी पार्टी बीजेपी और सत्तारूढ़ महागठबंधन ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान रामनवमी समारोह के दौरान सासाराम और बिहारशरीफ में सांप्रदायिक झड़पों के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगाया.  बीजेपी विधायकों ने विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह प्रदर्शन किया और इस दौरान विधायक जीवेश कुमार मिश्रा को सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने और प्रश्नकाल बाधित करने को लेकर सदन के बाहर कर दिया गया था. 


मिश्रा के खिलाफ उठी कार्रवाई की मांग


जीवेश मिश्रा के कथित तौर पर राज्य गान के अपमान पर जेडीयू  के वरिष्ठ नेता और बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि यह राज्य गान का सरासर अपमान है. उनके कृत्य ने बीजेपी नेताओं की मानसिकता को उजागर कर दिया है. डुमरांव से भाकपा माले विधायक अजीत कुमार सिंह ने भी इसी तरह की राय व्यक्त करते हुए कहा कि यह अपमान है. साथ ही यह गंभीर चिंता का विषय है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. 


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