कैमूर: देश भर में कृषि कानून के विरोध में किसानों का प्रदर्शन जारी है. किसान लगातार सरकार से कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इसी क्रम में बुधवार को बिहार के कैमूर जिले के मोहनिया पहुंचे दिल्ली के बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा सरकार ने कृषि बिल लाकर ऐतिहासिक फैसला लिया है, जिसमें किसान के अनाज को उचित मूल्य पर खरीदा जाएगा.
मनोज तिवारी ने कहा कि सबको पता है कि इतने दिन तक एमएसपी तय होने के बाद भी उचित मूल्य नहीं मिलता था, क्योंकि बिचौलिए ज्यादा हावी थे. किसानों के साथ हमारी मां भी परेशान थीं कि सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 1800 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, तो बिचौलिये 1200 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से धान क्यों खरीद रहे? इसी परेशानी को दूर करने के लिए कृषि कानून आया है.
उन्होंने कहा कि किसान के दुख का यह आखिरी साल है. उसके बाद वाले एक साल में ही फसल का मूल्य तय हो जाएगा. किसानों को भी बिचौलिए के चक्कर में नहीं फंसना पड़ेगा. हम खुद चाहते हैं कि इस जिले में वेयरहाउस खुले, जहां सभी किसानों का धान खरीदा जाए और वहां से सरकार एमएसपी के रेट में धान खरीद लेगी. हम जिले के समस्त लोगों से अपील करना चाहते हैं कि आप वेयरहाउस खोलें और किसानों के अनाजों को खरीदें और आपके वेयरहाउस से एमएसपी मूल्य पर सरकार ले जाएगी.
मनोज तिवारी ने कहा कि इसमें विरोध क्या करना है? किसान इतने दिन तक परेशान थे, अब उन्हें उसका उचित मूल्य मिलने जा रहा है, तो विरोध क्या करना? दो-तीन साल अगर बीत जाता उसके बाद काम नहीं होता तो विरोध होता तो समझ में आता. हम सबको हाथ जोड़कर प्रार्थना करना चाहते हैं कि क्या आप प्रधानमंत्री को पहचाने नहीं है. मोदी जी सबका भला करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि हमारा सभी राजनीतिक पार्टी से हाथ जोड़कर निवेदन है कि राजनीतिक फायदा में किसानों का नुकसान नहीं पहुंचाया जाए. आप 2 साल का समय दें उसके अंदर सारी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी यह अधिकतम समय है. किसान बिल के अछाई को लेकर अगर हर किसान के घर में नरेंद्र मोदी का फोटो नहीं लग गया तो मनोज तिवारी राजनीति छोड़ देगा.