सड़क निर्माण में अनियमितता पर भड़के BJP सांसद, कॉल लगाकर इंजीनियर को लगाई फटकार
देर रात काम होता देख रामकृपाल यादव ने अपनी गाड़ी रुकवाई और निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पहुंच गए. निरीक्षण के दौरान उन्होंने निर्माण में अनियमितता पाई. उन्होंने देखा कि सरकारी मापडंडों के अनुसार काम नहीं हो रहा.
बिहटा: बिहार के बिक्रम विधानसभा से पीडब्ल्यूडी द्वारा कराए जा रहे सड़क निर्माण में अनिमितता का मामला प्रकाश में आया है. क्षेत्र में सड़क निर्माण के मानक के अनुसार काम नहीं किया जा रहा. इस बात का खुलासा तब हुआ जब क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के बाद पाटलिपुत्र सांसद रामकृपाल यादव पटना लौट रहे थे.
देर रात कराया जा रहा था काम
कार्यक्रम से वापस लौटने के दौरान उन्होंने देखा कि पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत बिक्रम से सरासत तक 44 करोड़ की लागत से 22 किलोमीटर की लम्बाई वाली निर्माणाधीन सड़क का रात में ठेकेदार द्वारा आराप गांव में ढलाई कार्य कराया जा रहा था.
निरीक्षण के दौरान पायी अनियमितता
काम होता देख उन्होंने अपनी गाड़ी रुकवाई और निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पहुंच गए. निरीक्षण के दौरान उन्होंने निर्माण में अनियमितता पाई. उन्होंने देखा कि सरकारी मापडंडों के अनुसार काम नहीं हो रहा. रात में हो काम दौरान एक भी अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं हैं. रात में सड़क निर्माण का करा कर अधिकारी सरकार और जनता का पैसा लुटवाने की काम कर रहे हैं. निर्माण में ठेकेदार द्वारा जमकर अनियमितता बरती जा रही.
कॉल कर लगाई फटकार
ऐसे में भाजपा सांसद रामकृपाल यादव ने पश्चिमी पीडब्ल्यूडी के कार्यपालक अभियंता से फोन पर बात कर जानकारी दी और अनिमितता बरतने के लिए जमकर फटकार लगाई. उन्होंने निर्देश दिया कि वे साइट पर जाकर देखें एक भी अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं हैं. इस वजह से गुणवत्ता पूर्ण काम नहीं हो रहा है.
हालांकि, कार्यपालक अभियंता उमेश कुमार ने सड़क निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा कोई गड़बड़ी किए जाने की बात से इंकार किया.
मानक के अनुसार नहीं हो रहा था काम
दरसअल, बिक्रम विधानसभा क्षेत्र के बिक्रम प्रखंड के आराप गांव में ठेकदार द्वारा पीपीसी ढलईया काराया जा रहा था. लेकिन मानक के विपरीत 12 इंच के जगह 10 इंच मोटी सड़क बिना छड़ दिए हुए ढाला जा रहा था. वहीं, सिमेंट, गिट्टी,बालू की क्वालिटी भी सही नहीं थी. ऐसे में भाजपा सांसद भड़क गए और इंजीनियर को फटकार लगा दी.
गौरतलब है कि गांव और शहर की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार पीडब्ल्यूडी के तहत सड़क निर्माण करवा रही है. सरकार करोड़ों खर्च कर यातायात को सुगम बनाने में जुटी है, लेकिन आरोप है कि सड़क निर्माण के काम में लगे ठेकेदार और इंजीनियर ने योजनाओं में खुली लूट मचा रखी है.
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