पटना: बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र जनता की राय के बाद बनेगा. उन्होंने इसके लिए एक फोन नंबर भी जारी किया. जायसवाल ने कहा, “हमने निर्णय लिया है कि बिहार के अगले 5 वर्ष कैसे हों इसका निर्णय खुद बिहार की जनता ही करे. हम लोग विभिन्न स्थानों पर जाकर लोगों से राय लेंगे, जनता के सुझाव के जरिए नया घोषणा पत्र बनेगा. जनता 63 357 17 17 17 पर अपनी राय दे सकती है.”
वहीं बिहार के कृषि मंत्री और बीजेप नेता प्रेम कुमार ने कहा, “हम लोग जल्दी ही घोषणापत्र जारी करेंगे. बीजेपी अपने घोषणा पत्र में जनभागीदारी चाहती है. इसके लिए हम आमलोगों से सुझाव ले रहे हैं. हमने टोल फ्री नंबर जारी किया है. इस नंबर पर मिस कॉल देने के बाद आपको फोन आएगा फिर आप से घोषणा पत्र के लिए सुझाव मांगा जाएगा. मैसेज में घोषणा पत्र के सुझाव के लिए फॉर्म आएगा. इसे भर कर आप भेज सकते हैं.”
कृषि मंत्री ने कहा, “हमारा जो भी घोषणा पत्र होगा उसका पालन गठबंधन के सभी दल मिलकर करेंगे. सभी दलों के साथ समन्वय बनेगा. एनडीए सीटों की जब घोषणा होगी उस के साथ ही सारी बातें आप लोगों के सामने रख दी जाएंगीं. सभी के अनुरूप घोषणा पत्र बनेगा.”
प्रेम कुमार ने एलजीपी नेता चिराग पासवान द्वारा सुझाव देने पर कहा, “अच्छे सुझाव जिस भी दल से आए उन सभी पर एनडीए विचार करेगी.” उन्होंने कहा कि एनडीए गठबंधन द्वारा जो भी निर्णय लिया जाएगा. उसको सभी दल पूरा करने का प्रयास करेंगे.
एमएसपी के सवाल पर बोलते हुए बिहार के कृषि मंत्री ने कहा, “ जैसा भ्रम फैलाया जा रहा है, वैसी कोई बात नहीं है. माननीय प्रधानमंत्री द्वारा जो 3 विधेयक लाए गए हैं, इनसे किसान बिचौलियों से मुक्त हो जाएंगे. आजादी के बाद यह पहली सरकार है जिसने किसानों की चिंता की है. बिहार के किसान इसका स्वागत कर रहे हैं. विपक्ष गुमराह कर रहा है. किसान चाहे तो एमएसपी से अधिक में भी फसल बेच सकता है.”
वहीं संजय जायसवाल ने कहा, “बिहार में दो गठबंधन हैं. हम खुलेआम बोल रहे हैं कि नीतीश जी हमारे नेता है वहीं दूसरी तरफ विपक्ष है जो कि अपने नेताओं की तस्वीर तक पोस्टर पर नहीं लगा सकता. हम 15 वर्षों के काम के आधार पर वोट मांग रहे हैं और यह राष्ट्रीय अध्यक्ष की तस्वीर लगाने में भी शर्म महसूस कर रहे हैं. गठबंधन का वह नेता ना अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष की फोटो लगाता है ना ही मुख्यमंत्री की. इसी से पता चलता है कि उनके समय में क्या कार्य हुआ था.”
संजय जायसवाल ने कहा, “बिहार में किसानों को एमएसपी की कोई दिक्कत नहीं हो रही है. मैं खुद जिस लोकसभा क्षेत्र पश्चिम चंपारण से आता हूं वहां पर गेहूं का काफी उत्पादन होता है.” उन्होंने कहा कि किसानों का कहना है कि अगर हमें ज्यादा पैसे बाहर मिल रहे हैं तो हम पैक्स को क्यों अपनी फसल बेचे! दूसरे प्रदेशों के किसानों की मजबूरी होती है कि वह अपनी मंडी में ही अनाज बेचें. बाहर से अगर कोई ज्यादा पैसे देने को भी तैयार हो तो भी वह अनाज नहीं बेज सकते. इस बंधन से मुक्त कराने का काम प्रधानमंत्री मोदी ने किया है.
बिहार प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि यह दुष्प्रचार चल रहा है कि एमएसपी को खत्म करने की कोशिश की जा रही है. एमएसपी बिल्कुल रहेगी. बिहार के किसान अनाज दूसरी जगह बेचने के लिए स्वतंत्र हैं. मैं बेतिया से सांसद हूं. आप हमारे यहां आ कर देखिए. पहले जो मजदूर उद्योग में काम करता था, अब वह उद्योग लगा रहा है. बेतिया जा कर देखें तो पता चलेगा कि अगर बिहार प्रशासन, बिहार सरकार और केंद्र सरकार एक साथ काम करें तो किस तरह प्रवासी मजदूरों के जीवन में बदलाव आ सकता है. उन्होंने कहा, “कोई पैक्स अध्यक्ष अगर गलत काम कर रहा है तो 5 वर्ष में जनता उसे खुद ख़ारिज कर देगी. जनता जनप्रतिनिधियों को चुनती है तो हटा भी सकती है.”
प्रेम कुमार ने कहा, “हम आभार जताते हैं प्रधानमंत्री मोदी जी का, जिन्होंने बिहार को 20 लाख करोड़ का पैकेज दिया. इसमें से एक लाख करोड़ रुपए अकेले कृषि के लिए है. लघु और सूक्ष्म उद्योगों को विशेष राहत पैकेज दिया गया.”
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