पटना: बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाने पर नीतीश कुमार (Nitsih Kumar) की कैबिनेट ने मंगलवार (07 नवंबर) की शाम मुहर लगा दी. मंगलवार को नीतीश कुमार ने सदन में प्रस्ताव पेश किया था और कुछ घंटों के बाद शाम में कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें इस पर मुहर लग गई. इस बिहार बीजेपी ने भी अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है. बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary) ने साफ कर दिया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानमंडल में आरक्षण का दायरा बढ़ाए जाने के सुझाव का पार्टी समर्थन करती है.
सम्राट चौधरी ने कहा कि बीजेपी जब भी सत्ता में रही तब भी उसने आरक्षण का समर्थन किया. मंगलवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले साल जब एनडीए की सरकार थी तब प्रदेश में जातीय गणना कराने का निर्णय लिया गया और इसकी शुरुआत की गई थी, जिसका आज फलाफल देखने को मिला.
'डिजिटल रूप में सार्वजनिक करें गणना की रिपोर्ट'
आगे मांग करते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि इस गणना रिपोर्ट को सरकार डिजिटल रूप में सार्वजनिक करे, ताकि लोग भी इसे देख और जान सकें. बीजेपी नेता ने कहा कि सरकार ने आज ही विधानसभा में आरक्षण के दायरा को बढ़ाने की चर्चा की है. बीजेपी आरक्षण का दायरा बढ़ाए जाने के प्रस्ताव का समर्थन देने का काम करेगी.
सम्राट चौधरी ने कहा कि यह साफ है कि बीजेपी जब भी सरकार में रही और तब आरक्षण देने की आवश्यकता हुई तो बीजेपी समर्थन में खड़ी रही. बीजेपी का संदेश साफ है कि सरकार आरक्षण बढ़ाए जाने का प्रस्ताव लाएगी तो बीजेपी उसका समर्थन करेगी.
75 फीसद हो जाएगा आरक्षण का आंकड़ा
इससे पहले सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय गणना सर्वे से पिछड़ा और अति पिछड़ा सहित एससी और एसटी आबादी का जो आंकड़ा आया है, उसके मुताबिक आरक्षण बढ़ाने की जरूरत है. फिलहाल जो 50 प्रतिशत आरक्षण है, उसे हम 65 प्रतिशत कर दें. पहले से अगड़ी जातियों के आर्थिक रूप से कमजोर के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण है तो इस 65 प्रतिशत के बाद कुल आरक्षण 75 प्रतिशत हो जाएगा.
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