(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बिहार बोर्ड मैट्रिक के रजिस्ट्रेशन में फीस के नाम पर की जा रही है वसूली, पैसे नहीं देने पर मिल रही धमकी
विद्यालय के सहायक शिक्षक की मानें तो अभी तक प्रधानाध्यापक कई बार सस्पेंड हो चुके हैं. बावजूद इसके ऊंची पहुंच और पैसे के बल पर इनको कहीं न कहीं विद्यालय का प्रधान बना दिया जाता है.
सहरसा: बिहार के सहरसा में इन दिनों बिहार बोर्ड मैट्रिक की फॉर्म भराई के नाम पर छात्र-छात्राओं से अत्यधिक राशि वसूलने का मामला सामने आया है. मामला जिले के महिषी प्रखंड अंतर्गत उच्च विद्यालय, कन्दाहा का है, जहां बच्चों से मैट्रिक की परीक्षा का फॉर्म भरने के लिए 1400 से 1500 रुपये वसूले जा रहे हैं, जबकि वाजिब फीस 830 रुपये ही है.
प्रैक्टिकल में रुला देने को धमकी
यही नहीं छात्राओं द्वारा फॉर्म भराई की राशि मांगने पर प्रैक्टिकल में नंबर नहीं देने की धमकी दी जाती है और कहा जाता है प्रैक्टिकल में रुला देगें. मालूम हो कि मैट्रिक की परीक्षा में प्रैक्टिकल का आंक विद्यालय स्तर से छात्राओं को दिया जाता है. ऐसे में एक तरफ जहां सरकार नई शिक्षा नीति लागू कर बच्चे के ऊपर से शिक्षा का दबाव खत्म करना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ ऐसे विद्यालय के प्रधानाध्यापक हैं जो बच्चों की शिक्षा को दबाव देकर बर्बाद करना चाहते हैं.
जांच के की जाएगी कार्रवाई
विद्यालय के सहायक शिक्षक की मानें तो अभी तक प्रधानाध्यापक कई बार सस्पेंड हो चुके हैं. बाबाजूद इसके ऊंची पहुंच और पैसे के बल पर इनको कहीं न कहीं विद्यालय का प्रधान बना दिया जाता है. वहीं जिला शिक्षापदधिकारी से जब इस संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आवेदन प्राप्त हुआ है. मामले की जांचकर कार्रवाई की जाएगी.
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