EXCLUSIVE | बिहार पुल मामला: फरार आरोपी के बचाव में आए स्थानीय BJP विधायक, जेडीयू नेता ने की गिरफ्तारी की मांग
विधायक मिथिलेश तिवारी ने पुलिस पर हमला और सांप्रदायिक दंगा के आरोपित संजय राय को निर्दोष बताया है.जेडीयू के प्रदेश महासचिव सह बैकुंठपुर के पूर्व विधायक ने मुखियापति को वानटेड बताते हुए गिरफ्तारी की मांग की है.
पटना: बिहार के गोपालगंज में सत्तरघाट के पास पुलिया के अप्रोच सड़क के पानी के तेज़ बहाव के चलते बह जाने के मामले में पुलिस ने फैजुल्लापुर पंचायत के मुखियापति संजय राय पर केस दर्ज किया है. पुलिस का कहना है कि संजय राय पर पुल की मरम्मत में बाधा डालने का आरोप है. इसके अलावा पुलिस ने पुराने दो अन्य मामलों में भी संजय राय को वानटेड अपराधी बताया है. लेकिन पुलिस जिस शख्स की दिन रात तलाश कर रही है, अब उसी शख्स के बचाव में बिहार के बीजेपी एमएलए और सह प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी सामने आए हैं.
विधायक मिथिलेश तिवारी ने पुलिस पर हमला और सांप्रदायिक दंगा के आरोपित संजय राय को निर्दोष बताया है. अप्रोच सड़क काटने के मामले में फैजुल्लापुर पंचायत के मुखियापति को फंसाने का आरोप लगाया है. उधर, जेडीयू के प्रदेश महासचिव सह बैकुंठपुर के पूर्व विधायक ने मुखियापति को वानटेड बताते हुए गिरफ्तारी की मांग की है. जेडीयू के पूर्व विधायक के अनुसार सरकार को बदनाम करने के लिए जान बूझकर अप्रोच सड़क को काटा गया है. बिहार एनडीए के दोनों नेताओं के बयान पर सियासी घमासान मच गया है.
बीजेपी के विधायक मिथिलेश तिवारी ने एबीपी न्यूज़ को भेजे वीडियो में कहा कि सत्तरघाट पुल के दो किलोमीटर गोपालगंज की तरफ एक माइनर ब्रिज का संपर्क पथ टूटा और उसको लेकर पूरे देश में हाय तौबा मचा हुआ है विपक्ष के द्वारा, जबकि वास्तविकता ये है कि पुल नहीं टूटा. उसका संपर्क पथ टूटा. पहले दिन से ही कह रहा हूं कि इसमें अधिकारी, संवदेक दोषी हैं और उसमें हर हाल में कार्रवाई होनी चाहिए. इसके लिए मैं सरकार पर दबाव भी बनाउंगा. सरकार के उच्च अधिकारियों से भी हमारी बात हुई. उसपर जांच करने के लिए स्वयं विभाग के प्रधान सचिव आए थे, जो अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री देंगे.
मिथिलेश तिवारी ने बताया, "इसी बीच मुझे सूचना मिली है कि वहां के एक मुखियापति संजय राय पर एफआइआर की गई है. इसको न्यूज में भी चलाया जा रहा है कि सरकार की ओर से किया गया है. इसको मैं पूरी तरह से खंडित करता हूं. सरकार के द्वारा कोई एफआइआर संपर्क पथ टूटने को लेकर संजय राय पर नहीं हुआ है. वहां एक संवेदक काम कर रहे थे, जो स्थानीय हैं. एक राज नेता के दबाव में संजय राय पर एफआइआर दर्ज कराया है. हमने पता किया, जिसमें बताया गया कि संवेदक को संजय राय कुछ सुझाव दे रहे थे. उसी को लेकर बहस हुई, जिसको लेकर संजय राय पर थाने में एफआइआर कराई गई."
उन्होंने कहा, "मैंने सरकार और शासन के सभी पदाधिकारियों से अपील की है कि इस मामले में जांच कीजिए. कोई जनप्रतिनिधि किसी संवेदक को सुझाव देता है तो उसपर एफआइआर नहीं होनी चाहिए. इसकी मैं निंदा करता हूं."
दूसरी तरफ जेडीयू के प्रदेश महासचिव और बैकुंठपुर के ही पूर्व विधायक मनजीत सिंह ने कहा कि सत्तरघाट पुल ध्वस्त नहीं हुआ. बल्कि सत्तरघाट पुल से दो किलोमीटर दूर जो पुलिया थी, उस पुलिया का अप्रोच कटा. उन्होंने कहा, "यह अप्रोच कटा नहीं, बल्कि एक राजनीतिक षडयंत्र के तहत काटा गया सरकार को बदनाम करने के लिए. इस मामले में पुल निगम के इंजीनियर, ठेकेदार और सीओ की ओर से तीन अलग-अलग मामला दर्ज कराया गया है. जहां तक संजय राय का सवाल है, वह एक अपराधी है. विस्फोट जैसे मामले. पुलिस पर हमला जैसे मामले में वांटेड है. मेरे जानकारी के अनुसार तीन आपराधिक मामले हैं, जिसमें फरार है. अप्रोच ध्वस्त होने के पहले वीडियो बनाते हैं. ध्वस्त होने के बाद वीडियो बनाकर डालते हैं. ऐसे मामले में हम पुलिस से मांग करते हैं कि त्वरित कार्रवाई करते हुए उनकी गिरफ्तारी हो."
गोपालगंज के एसपी मनोज कुमार तिवारी ने कहा कि गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है. पहले भी इस कांड में कई लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. मुखियापति की भी जल्द गिरफ्तारी कर ली जाएगी. ऐसा कोई राजनीतिक दबाव पुलिस पर नहीं है. जब नीतीश कुमार, लालू के साथ महागठबन्धन में आए तो बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र से मंजीत सिंह चुनाव लड़े, लेकिन वह बीजेपी के मिथिलेश तिवारी से हार गए. अब नीतीश कुमार एनडीए में आ गए हैं और इस सीट पर बीजेपी और जेडीयू दोनों का दावा है. ऐसे में दोनों के बीच सीट की दावेदारी को लेकर झगड़ा कई दिनों से चल रहा है. बिहार के पथ निर्माण मंत्री नन्द किशोर यादव ने कहा था कि पानी का तेज बहाव था, जिस वजह से अप्रोच रोड बह गया. पुल निर्माण निगम के अधिकारी ने कहा था कि अज्ञात लोगों ने पुल के अप्रोच रोड को मरम्मत नहीं करने दिया और जेसीबी मशीन कब्जे में लिया, जिससे सड़क दरक गई और टूट गई.
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