Bihar Budget 2025: बिहार में सोमवार (03 मार्च, 2025) को सरकार ने बजट पेश किया. इस बजट के बाद विपक्ष के नेताओं में निराशा है. बजट को लेकर पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) की प्रतिक्रिया सामने आई है. पप्पू यादव ने एक्स पर पोस्ट कर अपना रिएक्शन दिया है. उन्होंने सवाल उठाया है कि सीमांचल और कोसी के साथ हकमारी क्यों?
पप्पू यादव ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "नीतीश सरकार को कोसी सीमांचल से एकमुश्त जनादेश मिलता रहा है, 2020 में नीतीश जी की सरकार कोसी सीमांचल के बदौलत बनी पर सीमांचल कोसी के साथ हकमारी क्यों? लगभग 4 करोड़ आबादी है तो बजट का एक तिहाई यहां खर्च होना चाहिए, मतलब 3 लाख 17 हजार करोड़ में से 105,666 करोड़ सीमांचल कोसी को मिले!"
एक दूसरे पोस्ट में पप्पू यादव ने लिखा, "तीन लाख करोड़ से अधिक का बजट लेकिन बिहार की रचनात्मक उन्नति के लिए कोई कार्ययोजना नहीं है. महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए पूरे देश में सरकारें प्रतिमाह आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है. बिहार के बजट में उनके लिए फूटी कौड़ी नहीं दी गई! यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है."
जेडीयू ने बजट को लेकर क्या कहा?
सदन में सोमवार को पेश हुए बजट को जेडीयू नेता संजय झा ने सराहा है. उन्होंने कहा कि आज पेश हुआ वित्त वर्ष 2025-26 का बिहार बजट सराहनीय और स्वागतयोग्य है. इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, महिला सशक्तीकरण, रोजगार सृजन और निवेश पर विशेष ध्यान दिया गया है. यह बजट नये बिहार के विकास को नई ऊंचाई पर पहुंचाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में बिहार किस तरह बदला है राज्य बजट के आंकड़े इसके गवाह हैं.
संजय झा ने कहा कि वित्त वर्ष 2004-05 में यानी उनके सत्ता संभालने से ठीक पहले बिहार के बजट का आकार 23,885 करोड़ रुपये था, जो 2025-26 में बढ़ कर 3 लाख 16 हजार 895 करोड़ रुपये हो चुका है. यानी इस दौरान बजट का आकार 13.27 गुना बढ़ गया है. बिहार बजट 2025 में केवल शिक्षा के लिए करीब 60 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो 2004 के कुल बिहार बजट से ढाई गुना अधिक है.
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