पटना: बिहार विधानसभा के शुक्रवार को बजट सत्र के पहले दिन राज्य के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सदन में आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 रिपोर्ट पेश की. इस रिपोर्ट में दावा करते हुए कहा गया है कि स्थिर मूल्य पर बिहार की विकास दर 10.5 फीसदी है, जो राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है. आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने के बाद वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने पत्रकारों को बताया कि आर्थिक सर्वेक्षण में कुल 13 अध्याय हैं. कोरोना के दौरान सरकार द्वारा की गई पहल को एक अलग अध्याय के रूप में शामिल किया गया है.


तारकिशोर ने बताया कि बिहार का सकल घरेलू उत्पाद वर्तमान मूल्य पर छह लाख 11 हजार 804 करोड़ रुपये और 2011-12 के स्थिर मूल्य पर चार लाख 14 हजार 977 करोड़ रुपये रहा. प्रति व्यक्ति सकल राज्य घरेलू उत्पाद वर्तमान मूल्य पर 50 हजार 735 रुपये और 2011-12 के स्थिर मूल्य पर 34 हजार 413 रुपये रहा. पिछले छह सालों के दौरान पथ परिवहन की विकास दर 4.4 फीसदी से बढ़कर 5.9 फीसदी और अन्य सेवाओं की विकास दर 10.5 फीसदी से बढ़कर 13.8 फीसदी हो गई है. उन्होंने कहा कि कोरोना ने सेवा क्षेत्र को नुकसान जरूर पहुंचाया है, परंतु कृषि पर आधारित अर्थव्यवस्था होने के चलते बिहार के विकास पर कोई ज्यादा असर नहीं पड़ा.


राज्य ने वित्तीय विवेकशीलता दर्शायी है- वित्त मंत्री


वित्त मंत्री ने दावा करते हुए कहा कि राज्य ने पिछले एक दशक से अधिक समय में लगातार वित्तीय विवेकशीलता दर्शायी है. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान सकल राज्य घरेलू उत्पाद के प्रतिशत में सकल राजकोषीय घाटा दो प्रतिशत था और राजस्व लेखे में अधिशेष बरकरार रहा. प्राथमिक घाटा में भी 2019-20 में पिछले साल 2018-19 की अपेक्षा कमी आई.


प्रसाद ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 राज्य सरकार की कुल प्राप्ति 1,53,408 करोड़ रुपये थी जो पिछले साल की समान अवधि के दौरान 1,52,287 करोड़ रुपये की तुलना में अधिक है. उन्होंने कहा कि 2019-20 वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार का कुल राज्सव 1,23,533 करोड़ रुपये और पूंजीगत व्यय 20,080 करोड़ रुपये था. उन्होंने कहा कि कुल व्यय में राजस्व का हिस्सा 2015-16 के 74.4 प्रतिशत से बढ़कर 2019-20 में 86 प्रतिशत हो गया है.


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