Bihar By-Election: बोचहां विधानसभा सीट का पूरा समीकरण, यहां पढ़िए- क्यों सीट को लेकर मचा है बवाल
बोचहां विधानसभा उपचुनाव वीआईपी पार्टी के विधायक रहे मुसाफिर पासवान के निधन से हो रहा है. विस चुनाव 2020 में इस सीट पर एनडीए से वीआईपी लड़ी थी. लेकिन उपचुनाव के लिए बीजेपी ने यह सीट वीआईपी को नहीं दी.
पटना: मुजफ्फरपुर के बोचहां विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए 12 अप्रैल को वोटिंग होगी. वहीं, 16 अप्रैल को नतीजे आएंगे. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है. बीजेपी (BJP), आरजेडी (RJD) और वीआईपी (VIP) पूरी ताकत के साथ तैयारी में जुटी हुई है. बीजेपी से बेबी कुमारी (Baby Kumari), वीआईपी से डॉक्टर गीता (Dr. Geeta) और आरजेडी से अमर पासवान (Amar Paswan) प्रत्याशी हैं. मालूम हो कि ये सुरक्षित सीट है. तीनों कैंडिडेट किसी से कम नहीं हैं. सबकी अपनी-अपनी ताकत है. ऐसे में सभी के बीच कांटे की टक्कर है.
2015 में बेबी कुमारी ने मारी थी बाजी
बता दें कि बोचहां विधानसभा क्षेत्र में 2011 की जनगणना के मुताबिक जनसंख्या 4,25,473 है. यहां की 96.45% आबादी ग्रामीण जबकि 3.55% शहरी है. यहां कुल 2,54,247 वोटर हैं, जिनमें 53.16% पुरुष जबकि 46.84% महिला मतदाता हैं. 2015 में बेबी कुमारी बोचहां से निर्दलीय चुनाव लड़ीं और जीत गई थीं. उन्होंने नौ बार के विधायक रहे रमई राम (Ramai Ram) को 24,130 वोटों से हराया था. बेबी जमीन से जुड़ी हुई नेत्री हैं. दलित हैं. लेकिन हर वर्ग में उनकी पकड़ मानी जाती है.
वीआईपी की उम्मीदवार डॉक्टर गीता वहां से नौ बार के विधायक रहे रमई राम की बेटी हैं. रमई राम की इस क्षेत्र में अच्छी पकड़ है, जिसका लाभ डॉक्टर गीता को मिलेगा. आरजेजी के उम्मीदवार अमर पासवान के साथ जनता की सहानुभूति है. उनके पिता मुसाफिर पासवान वीआईपी के विधायक थे और उन्हीं के निधन से उपचुनाव हो रहा है. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने उनके पिता ने रमई राम को 11 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. इससे साफ दिख रहा है कि उनकी इस क्षेत्र की जनता में पकड़ थी.
अमर पासवान को मिल सकती है सहानुभूति
इधर, आरजेडी उम्मीदवार अमर पासवान (Amar Paswan) को अपने पिता के निधन से जनता की सहानुभूति मिलेगी व इस क्षेत्र में उनके पिता ने जनता के बीच जो पकड़ बनायी थी, उसका भी लाभ मिलेगा. एक तरह से देखा जाए तो आरजेडी, बीजेपी, विकासशील इंसान पार्टी के दावेदार मजबूत दिख रहे हैं. वे एक दूसरे को जोरदार टक्कर दे सकते हैं.
इस उपचुनाव में सबसे दिलचस्प बात यह देखने को मिली रहा है कि तेजस्वी यादव ने वीआइपी के कैंडिडेट को तोड़ा तो मुकेश सहनी ने भी आरजेडी के प्रत्याशी को टिकट दे दिया. दरअसल, अमर पासवान को मुकेश सहनी अपना उम्मीदवार बनाना चाहते थे. लेकिन एनडीए में बीजेपी ने चुनाव लड़ने का एलान करते हुए बेबी कुमारी को प्रत्याशी बना दिया. अमर पासवान को अंदाजा हो गया कि बीजेपी के लड़ने से उनकी जीत शायद आसानी से न हो पाए, इसलिए वो आरजेडी में चले गए और तेजस्वी ने उनको टिकट भी दे दिया.
आखिर में बदल गया सारा समीकरण
तेजस्वी यादव नौ बार विधायक रहे व आरजेडी नेता रमई राम की बेटी डॉ. गीता को टिकट देना चाहते थे. लेकिन अंत समय में उन्होंने रणनीति को बदला व अमर पासवान को टिकट दे दिया. तेजस्वी को अंदाजा है कि जनता की सहानुभूति अमर पासवान के साथ है. मुकेश सहनी ने जब देखा कि उनका कैंडिडेट आरजेडी में चला गया तो उन्होंने रमई राम की बेटी को प्रत्याशी बना दिया.
बता दें बोचहां विधानसभा उपचुनाव वीआईपी पार्टी के विधायक रहे मुसाफिर पासवान के निधन से हो रहा है. 2020 विधानसभा चुनाव में बोचहां सीट पर एनडीए से वीआईपी लड़ी थी. लेकिन उपचुनाव के लिए बीजेपी ने एनडीए में यह सीट वीआईपी को नहीं दी. बीजेपी के मना करने के बावजूद वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी UP में 53 सीटों पर चुनाव लड़े थे. चुनाव प्रचार में PM मोदी व योगी आदित्यनाथ पर खिलाफ जमकर निशाना साध रहे थे. इस कारण बीजेपी नाराज है. बोचहां से वीआईपी का टिकट काट दिया. अब देखना ये है कि जनता किसका साथ देती है.
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