Bihar: ‘BJP के कोर वोटर्स पर महागठबंधन की सेंधमारी’ तेजस्वी का वार, कहा- कहां 40 हजार अब चंद वोटों से गोपालगंज हारे
Tejashwi Yadav Attacks BJP: तेजस्वी ने गोपालगंज में बीजेपी की जीत को लेकर हमला बोला. कहा कि सहानुभूति फैक्टर होने के बावजूद भी चंद वोटों से बीजेपी ने जीत दर्ज की है.
पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने उपचुनाव के परिणाम को लेकर बीजेपी पर जबरदस्त हमला बोला है. उन्होंने रविवार को कहा कि गोपालगंज में सहानुभूति फैक्टर होने के बाद भी हम चंद वोटों से ही हारे हैं. बीजेपी इस सोच में डूबी होगी और उनका टेंशन खाए जा रही होगी कि उनके कोर वोटर्स पर महागठबंधन ने सेंधमारी कर ली है. इसके अलावा दोनों प्रत्याशियों को उन्होंने शुभकामनाएं भी दी.
सहानुभूति फैक्टर के बाद भी कम वोटों से हम हारे
तेजस्वी ने कहा कि मोकामा और गोपालगंज की जनता को दिल से धन्यवाद देते हैं. दोनों प्रत्याशियों को भी शुभकामनाएं हैं. तेजस्वी ने कहा कि मोकामा चुनाव एकतरफा रहा. पहले से ही जीत तय थी. वहीं गोपालगंज उपचुनाव में हार पर कहा कि जहां पहले हम 20 से 40 हजार वोटों के फर्क में हारते थे. इस बार वो फर्क 2 हजार भी नहीं पहुंच पाया. सहानुभूति फैक्टर होने के बाद भी चंद वोटों से ही आरजेडी हारी है.
बीजेपी के कोर वोटर्स को चुरा लिया
तेजस्वी ने आगे कहा कि मुकाबला दिलचस्प रहा. हमलोगों का जो भी प्रयोग था वो काफी हद तक सफल रहा है. दिवाली और छठ के मौसम में चुनाव रखा गया, लेकिन फिर भी जहां 40 हजार से हारते थे वहां कुछ ही वोटों का फर्क रहा. 1700 वोट से गोपालगंज में हमारी हार हुई है. गोपालगंज की जनता और बीजेपी के कोर वोटर हमारे पाले में आए हैं. बीजेपी के वोटर पर महागठबंधन के लोगों ने सेंध मारने का काम किया है. सभी महागठबंधन के नेता और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद किया. आगे कहा कि बीजेपी के लोग अब सोच में होंगे कि उनके कोर वोटर्स में भी महागठबंधन के लोग सेंध मार रहे हैं.
बीजपी-आरजेडी ने जीता चुनाव
बता दें कि आज रविवार को बिहार की दोनों विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का परिणाम आ गया. मोकामा में आरजेडी ने जीत दर्ज की है. अनंत सिंह की पत्नी नीलम सिंह जीतीं हैं. वहीं गोपालगंज में बीजेपी ने परचम लहराया है. मरहूम नेता सुभाष सिंह की पत्नी ने यहां जीत दर्ज की है. दोनों सीटों में से एक-एक बीजेपी और आरजेडी के हाथों में आई.
यह भी पढ़ें- Inside Story: बीजेपी का 'दांव' निशाने पर लगा, लालू यादव के गढ़ में कैसे खिला कमल? जानिए क्यों कुसुम देवी पर था भरोसा