By-Elections 2024: बिहार की तरारी, बेलागंज, इमामगंज और रामगढ़ सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव होना है. इसके साथ ही अगले साल 2025 के अंत में बिहार विधानसभा का चुनाव होना है. ऐसे में चार सीटों पर होने वाला यह उपचुनाव किसी बड़ी फिल्म के ट्रेलर के तौर पर देखा जा रहा है. जाहिर है इस चुनावी मैदान में कई सियासी खिलाड़ियों की एंट्री ने मुकाबले को रोमांचक बना दिया है. इंडिया गठबंधन और एनडीए के नेता तो मैदान में हैं ही, साथ ही असदुद्दीन ओवैसी और प्रशांत किशोर की पार्टी भी उतर चुकी है. सवाल उठ रहा है कि क्या ये दोनों पारंपरिक दलों का खेल बिगाड़ पाएंगे?


जिन चार सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं उनमें से तीन में से एक ही एनडीए की जीती हुई सीट (इमामगंज) है. इस उपचुनाव में आरजेडी तीन सीट रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज पर लड़ने जा रही है जबकि एक सीट तरारी सीपीआई (एमएल) के पास है. दोनों गठबंधन की ओर से चुनाव की तैयारी शुरू है. नामांकन और चुनाव प्रचार जारी है.


एनडीए में किस सीट से कौन उम्मीदवार?


बीजेपी ने रामगढ़ सीट से अशोक कुमार सिंह को जबकि तरारी से विशाल प्रशांत को टिकट दिया है. वहीं इमामगंज सीट से 'हम' ने बिहार सरकार में मंत्री संतोष सुमन की पत्नी दीपा मांझी को प्रत्याशी बनाया है. वहीं जेडीयू ने बेलागंज सीट से मनोरमा देवी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. 


बेलागंज में होगा जबरदस्त मुकाबला


बेलागंज मुस्लिम-यादव बहुल सीट है. आरजेडी की परंपरागत सीट मानी जाती रही है. ऐसे में इस बार कई खिलाड़ी एमवाई (MY) समीकरण को साधने के मकसद से उतारे गए हैं. बेलागंज में जेडीयू प्रत्याशी मनोरमा देवी मैदान में हैं तो वहीं आरजेडी ने सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. प्रशांत किशोर ने इस सीट से पहले प्रो. खिलाफत हुसैन को उम्मीदवार बनाया था पर बाद में उम्मीदवार बदला और अब मोहम्मद अमजद मैदान में हैं. बेलागंज आरजेडी की जीती हुई सीट है. इस सीट से पिछले छह चुनाव से सुरेंद्र यादव जीतते रहे हैं. इस बार उनके लोकसभा जाने से उनके बेटे को आरजेडी ने टिकट दिया है. अब इसी सीट से ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने मोहम्मद जामिन अली को उम्मीदवार बनाया है. 


इमामगंज से मांझी की बहू से खेल रोमांचक


बात इमामगंज विधानसभा सीट की करें तो खेल रोमांचक होने वाला है. अनुसूचित जातियों के लिए सुरक्षित सीट इमामगंज पर कोइरी और मुसहर जाति की संख्या सबसे ज्यादा है. एनडीए की तरफ से केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी मैदान में हैं. आरजेडी ने इमामगंज से रोशन मांझी को उम्मीदवार बनाया है. इस सीट से खेल बिगाड़ने के लिए ओवैसी की पार्टी ने कंचन पासवान को टिकट दिया है. वहीं जनसुराज ने जितेंद्र पासवान को टिकट दिया है. इस सीट पर पहले जीतन राम मांझी का कब्जा था. ऐसे में मांझी की बहू अपने ससुर की विरासत बचाने में कामयाब होती हैं या नहीं यह देखना दिलचस्प होगा.


आरजेडी के गढ़ रामगढ़ में पीके लगाएंगे सेंध?


रामगढ़ सीट भी चर्चा में है. इस सीट पर आरजेडी और बीजेपी ने राजपूत उम्मीदवारों को टिकट दिया है. आरजेडी ने अपने टिकट पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे अजीत सिंह को मैदान में उतारा है. अजीत सिंह युवा नेता हैं. उनके पिता का पार्टी में मजबूत आधार है, जो उन्हें स्थानीय जनसमर्थन दिला सकता है. बीजेपी ने अशोक सिंह को टिकट दिया है. जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए जन सुराज पार्टी ने रामगढ़ से कुशवाहा उम्मीदवार पर दांव खेला है. सवाल है कि क्या राजनीतिक धारा में बदलाव के संकेत मिल सकेंगे? इन सीटों पर पारंपरिक दलों के लिए एआईएमआईएम या जनसुराज जैसी पार्टियां चुनौतियां बन पाएगी? यह देखना दिलचस्प होगा.


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