बिहार उपचुनाव: चिराग पासवान का दावा- दोनों सीटों पर हारेंगे नीतीश कुमार के उम्मीदवार
बिहार में उपचुनाव के लिए आरजेडी और कांग्रेस का गठबंधन नहीं हो पाया है. ऐसे में सामाजिक समीकरणों के चलते चुनाव में मुकाबला बेहद करीबी होने की संभावना जताई जा रही है.
पटना: चुनाव आयोग से पार्टी को नया नाम और चुनाव चिन्ह मिलने से गदगद चिराग पासवान अब उपचुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं. पार्टी ने उपचुनाव की दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. कुशेश्वरस्थान सीट से पार्टी ने अंजू देवी को अपना उम्मीदवार बनाया और तारापुर सीट से चंदन सिंह को मैदान में उतारा है. वहीं चिराग पासवान ने दावा किया कि दोनों सीटों पर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की हार तय है. पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार और नीतियों से बिहार की जनता नफरत करने लगी है. दोनों सीटें जेडीयू के विधायकों की मृत्यु के चलते खाली हुई हैं.
चिराग में एक बार फिर दावा किया कि दोनों सीटों के नतीजों के बाद नीतीश कुमार सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी. उन्होंने कहा कि बिहार में मध्यावधि चुनाव तय है. जेडीयू और बीजेपी के बीच खटास लगातार बढ़ती जा रही है.
आरजेडी और कांग्रेस का नहीं हुआ गठबंधन
दिलचस्प बात ये है कि दोनों सीटों पर लड़ाई चतुष्कोणीय हो गया है क्योंकि दोनों सीटों पर जेडीयू और आरजेडी के अलावा कांग्रेस और लोजपा ( राम विलास ) के उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं. उपचुनाव के लिए आरजेडी और कांग्रेस का गठबंधन नहीं हो पाया है. ऐसे में सामाजिक समीकरणों के चलते चुनाव में मुकाबला बेहद करीबी होने की संभावना जताई जा रही है.
वहीं अपने पिता रामविलास पासवान की पहली पुण्यतिथि से एक दिन पहले चिराग पासवान ने अपने चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस पर बड़ा हमला बोला. चिराग ने कहा कि चाचा ने महज मंत्री बनने के लिए पार्टी और परिवार, दोनों की कुर्बानी दे दी. उन्होंने चाचा पारस को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वो भी चाहें तो कई बातों का जवाब दे सकते हैं लेकिन वो ऐसा नहीं करना चाहते.
पशुपति पारस पर राजनीतिक हमला करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि कुर्सी और व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए वो नीतीश कुमार की गोद में बैठ गए हैं. चाचा को पार्टी की विचारधारा से कोई मतलब नहीं है और उस नीतीश कुमार के सहारे मंत्री बन गए हैं जिन्होंने राम विलास पासवान पर उस समय हमला किया जब वो अस्पताल में वेंटिलेटर पर थे.
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