बिहार में दो सीटों पर हुए उपचुनाव (Bihar By Poll 2021) में मुख्य विपक्षी राजद(RJD) और कांग्रेस (Congress) को हार का सामना करना पड़ा है. इस चुनाव से पहले तक राजद और कांग्रेस एक साथ थे. दोनों दलों ने वाम दलों के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया था. लेकिन इस चुनाव ने दोनों की राहें जुदा कर दीं. लेकिन इस अलगाव का फायदा न तो कांग्रेस को मिला और न ही राजद. दोनों सीटों पर राजद ने जेडीयू (JDU) को कड़ी टक्कर तो दी. लेकिन कांग्रेस तो अपनी जमानत भी नहीं बचा पाई.
राजद और कांग्रेस के रिश्तों में आई दरार
उपचुनाव की दोनों सीटों के लिए जब राजद ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. इसके साथ ही महागठबंधन में फूट की शुरुआत हो गई. इसके बाद कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवार दोनों सीटों पर उतार दिए. दरअसल 2020 के चुनाव में कुशेश्वरस्थान सीट कांग्रेस के हिस्से में आई थी. वहां उसने डॉक्टर अशोक कुमार को टिकट दिया था. उन्हें जेडीयू के शशिभूषण हजारी ने हराया था. कुशेश्वरस्थान सीट पर 46 हजार 758 वोट लाकर दूसरे नंबर पर रही थी. इसी आधार पर कांग्रेस इस सीट पर अपना दावा जता रही थी. हालांकि पिछले चुनाव में कांग्रेस ने राजद से गठबंधन कर यह प्रदर्शन किया था.
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दोनों सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करने पर राजद का कहना था कि वो हारने के लिए सीट कांग्रेस को नहीं दे सकती है. राजद की बात कुछ हद तक सच भी साबित हुई. क्योंकि कांग्रेस ने कुशेश्वरस्थान से डॉक्टर अशोक कुमार के बेटे अतिरेक कुमार को टिकट दिया. लेकिन उन्हें केवल 5 हजार 603 वोटों से ही संतोष करना पड़ा. वो अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए. वहीं मुंगेर की तारापुर सीट पर कांग्रेस ने अंतिम समय में पार्टी में शामिल हुए राजेश कुमार मिश्र को टिकट दिया. लेकिन उनका प्रदर्शन तो अतिरेक कुमार से भी खराब रहा. उन्हें केवल 3 हजार 590 वोट ही मिले. तारापुर में भी कांग्रेस की जमानत जब्त हुई.
कांग्रेस की जमानत जब्त
जबकि कुशेश्वरस्थान में राजद के गणेश भारती 47 हजार 192 वोट पाकर जेडीयू के अमन भूषण हजारी से 12 हजार 695 वोट से हार गए. वहीं तारापुर में राजद के अरुण कुमार को 75 हजार 238 वोट मिले. वो जेडीयू के राजीव कुमार सिंह से 3 हजार 852 वोट से हार गए. इससे पता चलता है कि दोनों सीटों पर राजद ने जेडीयू को कड़ी टक्कर तो दी. लेकिन कांग्रेस कहीं भी मुकाबले में नजर नहीं आई.
उपचुनाव के दौरान राजद और कांग्रेस में जुबानी जंग भी तेज हुई. लालू यादव ने कांग्रेस के प्रभारी महासचिव को 'भकचोन्हर' कह दिया. वहीं नए-नए कांग्रेसी बने कन्हैया कुमार ही राजद पर निशाना साधते नजर आए. राजद सुप्रीमो लालू यादव और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने टेलीफोन पर बातकर इस तल्खी को दूर करने की कोशिश की. लेकिन नतीजे ने यह साफ कर दिया है कि बिहार में पांव जमाए रखने के लिए जरूरी है कि कांग्रेस किसी दल के साथ गठबंधन करे.