Bihar By Poll Result: 'इसमें तेरा घाटा, मेरा कुछ नहीं जाता...', मोकामा में RJD की जीत, महागठबंधन की हार! आंकड़े बने 'गवाह'
Bihar By Election 2022: आरजेडी की प्रत्याशी नीलम देवी को मोकामा सीट से जीत मिली है. इस सीट के लिए महागठबंधन और बीजेपी जोर शोर से लगा था. अंत में यह सीट आरजेडी के खाते में गया.

पटना: बिहार की दो विधानसभा सीट गोपालगंज (Gopalganj) और मोकामा (Mokama) में उपचुनाव संपन्न होने के साथ रिजल्ट भी आ गया है. हॉट सीट मोकामा से आरजेडी की नीलम देवी 16,741 मतों से विजय हुईं. नीलम देवी (Neelam Devi) पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह (Anant Singh) की पत्नी है और उन्हें कुल 79,744 वोट मिले. मोकामा विधानसभा के परिणाम ने काफी कुछ संकेत दे दिया है. आरजेडी को भले इस सीट से जीत मिल गई हो लेकिन आंकड़े बताते हैं कि महागठबंधन की हार हुई है. ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि आकंड़े खुद गवाह बने हैं. आइए समझते हैं चुनाव में किसे घाटा हुआ और किसे फर्क नहीं पड़ा.
सबसे पहले यह जान लीजिए कि नीलम देवी को महागठबंधन से जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस, वामदल, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा मिलाकर कुल सात पार्टियों का समर्थन प्राप्त था. नीलम देवी के पति बाहुबली अनंत सिंह 2005 से लगातार चार बार यहां के विधायक रह चुके हैं. 2015 में अनंत सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी लेकिन कल हुए उपचुनाव के परिणाम में मतों के अंतर पर नजर डालें तो ऐसा लग रहा है कि महागठबंधन को मोकामा की जनता ने नकार दिया है. बीजेपी को हार के बाद भी नुकसान के बजाय फायदा हुआ है क्योंकि 27 साल बाद बीजेपी मोकामा में अकेले चुनाव लड़ी थी.
चिराग पासवान का वोट बैंक बरकरार
1995 में बीजेपी ने मोकामा से प्रत्याशी उतारा था, लेकिन तीसरे नंबर की पार्टी बनकर रह गई थी और बहुत कम वोट मिले थे. इस बार बीजेपी ने बाहुबली ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी को चुनाव मैदान में उतारा और बीजेपी प्रत्याशी को 63,003 वोट मिले. अगर आंकड़े को देखें तो इस उपचुनाव में बीजेपी मजबूत दिख रही है. साथ ही चिराग पासवान का वोट बैंक भी बरकरार दिख रहा है.
बात आंकड़ों की करें तो 2005 में मात्र ढाई हजार वोटों से अनंत सिंह जेडीयू से चुनाव लड़कर जीते थे. 2010 में अनंत सिंह जेडीयू से ही चुनाव लड़े और 8954 मतों से जीते. बता दें कि 2005 और 2010 में जेडीयू के साथ बीजेपी भी थी. 2015 में अनंत सिंह निर्दलीय चुनाव जीते. अनंत सिंह को 54,005 वोट मिले थे और 18,240 मतों से जीत हासिल की थी.
बीजेपी के समर्थन से एलजेपी मोकामा में चुनाव लड़ा था और एलजेपी को 2015 में 15,072 वोट मिले थे. बात 2020 की करें तो अनंत सिंह आरजेडी से चुनाव लड़े और और उन्हें 78,721 वोट मिले. जेडीयू के राजीव लोचन नारायण सिंह को 42,964 वोट ही प्राप्त हुए थे. वहीं लोजपा के सुरेश सिंह निषाद को भी 13331 वोट प्राप्त हुए थे. अनंत सिंह ने 2020 में 35,757 वोट से जीत हासिल की थी.
इस उप चुनाव में बीजेपी का वोट बढ़ा
चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी का वोट 2015 -2020 में लगभग बराबर रहा. अनंत सिंह भले ही 35 हजार से अधिक वोट से जीते लेकिन लोजपा के वोट में अंतर नहीं दिखा. 2022 के उपचुनाव में बीजेपी को चिराग पासवान समर्थन दे रहे थे और चुनाव प्रचार भी किए. यही वजह है कि बीजेपी को 63,003 मत प्राप्त हुआ क्योंकि ललन सिंह कैडर वोटर जोड़ दिया जाए तो भी बीजेपी के जितने वोट मिले हैं उससे बहुत ज्यादा है. क्योंकि बीजेपी का मोकामा में कभी भी वर्चस्व नहीं रहा है.
अनंत सिंह जैसे पहले वैसे आज
सवाल कि हम महागठबंधन की हार की बात क्यों कर रहे हैं तो यह समझें कि अनंत सिंह को 2020 में 78,721 वोट मिला. इस बार जब 2022 में उनकी पत्नी नीलम देवी उप चुनाव लड़ीं तो उन्हें 79,744 वोट मिला. 2020 में अनंत सिंह आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़े थे. उसके साथ कांग्रेस, वामदल का भी समर्थन था. इस बार जेडीयू साथ में थी. जेडीयू ने भी प्रचार किया लेकिन 2020 और 2022 में मतों का अंतर मात्र 1023 है. अनंत सिंह को 2015 में भी 54,004 वोट मिले थे. उस वक्त निर्दलीय चुनाव लड़े थे. कुल मिलाकर देखा जाए तो अनंत सिंह के वोट में कमी नहीं आई है.
यह भी पढ़ें- Nitish Kumar Janta Darbar: शिकायत सुनकर चौंके नीतीश कुमार, CM ने विभाग को लगाया फोन, कहा- ये क्या हो रहा है
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

