पटना: बिहार में एनडीए (NDA) सरकार बने एक पखवाड़े से अधिक का समय निकल चुका है, लेकिन अब तक मंत्रिमंडल का विस्तार (Bihar Cabinet) नहीं हो सका है. संभावना जताई जा रही है कि बिहार बीजेपी (BJP) नेताओं के पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक से लौटने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा. बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर जोड़तोड़ का खेल भी शुरू हो गया. नेता अपने राजनीतिक आकाओं के जरिए मंत्री पद पाने को लेकर जोर लगा रहे हैं. वैसे, मंत्रिमंडल विस्तार में माना जा रहा है कि जेडीयू (JDU) एक बार फिर अपने पुराने चेहरों को ही मंत्रिमंडल में स्थान देगी.


नए चेहरे को मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है


पूर्व मंत्री संजय कुमार झा के राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने के बाद हो उनके विकल्प के रूप में कोई सवर्ण चेहरा शामिल हो सकता है. इतना तय माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए एनडीए में शामिल सभी दल क्षेत्रीय, सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों का जरूर ख्याल रखेगी. बीजेपी कोटे की बात करें तो, बीजेपी से कई नए चेहरे को मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है. इस दौड़ में कई युवा चेहरे भी शामिल हैं. वैसे पुराने चेहरों में शाहनवाज हुसैन, नितिन नवीन को जगह मिलना तय माना जा रहा है.


देरी पर आरजेडी उठा रही है सवाल


मंत्रिमंडल के विस्तार में देरी होने से आरजेडी अब सरकार पर सवाल भी उठाने लगी है. आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव कहते है कि मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होने से बिहार में विकास के कार्य प्रभावित हो रहे हैं, लेकिन सत्ताधारी पार्टी के कोई लोग बोल नहीं पा रहे है और 17 महीने की जांच कराने की बात कर रहे हैं.


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