सहरसा: बिहार के सहरसा जिले के ब्रह्शेर पंचायत अन्तर्गत कुम्हरा घाट गांव में कैंसर मरीज विगत एक सप्ताह से अनशन पर बैठे हुए हैं. बेबस और लाचार केंसर मरीज मौत के मुहाने पर खड़े हैं, लेकिन न तो कोई स्थानीय जनप्रतिनिधि और न ही जिला प्रशासन उनकी मदद करना जरूरी समझ रही.


हालांकि, गांव के ही एक युवा ने इस बात को आगे रखने का काम किया और उन्होंने सरकार से मांग की है कि वो पीड़ित परिवार को सरकारी मदद मुहैया कराया, जिससे इनकी जान बच सके.


इधर, मरीज के पिता ने सिरायम पासवान ने भी अपने बेटे की इलाज के लिए सरकार से मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि मेरे बेटे को दांत में दर्द की शिकायत थी और जब डॉक्टर से दिखाया तो डॉक्टर ने कहा कि इसे बाहर ले जाइए. उसके बाद जो थोड़ी बहुत जमीन थी, उसे बेचकर मैं बेटे को लेकर इलाज करवाने के लिए मुम्बई चला गया.


इलाज करवाने पर सुधार हुआ ऐसे में हम वापस गांव आ गए. गांव आने के बाद लॉकडाउन लग गया. ऐसे में बेटे को दिखा नहीं पाया और आज बेटे की तबीयत बहुत बिगड़ गयी है. इलाज करवाने में असमर्थ हैं, इसलिए सरकार मदद की अपील कर रहे हैं.


ग्रामीण युवा अजीत पांडेय ने बताया कि परिवार की स्थित ठीक नहीं है, जो जमीन थी वह बिक गई. ऐसे में हम भी आस लगाए बैठे हैं कि सरकार पीड़ित परिवार की मदद करे, जिससे गरीब और लाचार पीड़ित की जान बच सके.


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