BPSC Student Sonu Yadav: पटना के पालीगंज के परेयाचक गांव के रहने वाले सोनू यादव (Sonu Yadav) ने 24 दिसंबर की देर शाम आत्महत्या कर ली थी. ये वही सोनू था, जो अपने मां बाप के अरमानों को पूरा करने के लिए पटना शहर में रहने आया था, खान सर के यहां प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी भी कर रहा था. इसी बीच 70वीं बीपीएससी की भी परीक्षा दी. ये सोचकर की सफलता मिलने के बाद कोई अफसर की नौकरी करेंगे, लेकिन सिसटम की नाकामियों ने उसे मायूस कर दिया और निराशा इस हद तक पहुंच गई कि उसने अपनी जिंदगी ही खत्म कर दी. 


आत्महत्या के बाद परिवार में कोहराम 


सोनू यादव की आत्महत्या के बाद उसके परिवार में कोहराम और पटना में बवाल मच गया. कई दिनों से गर्दनीबाग में धरने पर बैठे बीपीएससी अभ्यर्थी और और ज्यादा आक्रोशित हो गए, जो पहले से ही सरकार से नाराज चल रहे थे. बताया गया कि सोनू चाहता था कि दोबारा सभी की परीक्षाएं लीं जाएं ताकि सबके साथ न्याय हो, लेकिन सरकार की ओर से कोई माकूल जवाब ना मिलने पर अन्य छात्रों की तरह वो भी बहुत आहत था. 




सोनू यादव के पिता सुदामा यादव जो अब काफी बेबस और परेशान नजर आ रहे थे, कहा कि मेरा बेटा 25 साल का सोनू पटना के पत्रकार नगर में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था. 13 दिसंबर को बीपीएससी की परीक्षा दी थी और पेपर लीक की वजह से तनाव में था. चाहता था कि परीक्षा कैंसल हो जाए. मंगलवार को दोपहर में आखिरी बार मां से बातचीत हुई थी, जिसके बाद अपने कमरे में आत्महत्या कर ली. उनके कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है.


खान सर की कोचिंग में पढ़ता था सोनू


पिता ने बताया कि तीसरे एटेम्पट के तौर पर सोनू ने बीपीएससी 70वीं पीटी की परीक्षा दी थी. पटना के प्रसिद्ध खान सर की कोचिंग में सोनू बीते दो साल से तैयारी कर रहे थे. सोनू की मौत की खबर सुनकर खान सर परिवार से मिलने पालीगंज पहुंचे थे. वो भी मां पिता की बेबसी देखकर रो पड़े. पटना के पालीगंज के परेयाचक गांव के रहने वाले सोनू के पिता सुदामा यादव मुंबई में काम करते हैं. 15 हजार रुपये महीने की तनख़्वाह है, जिसमें दस हजार सोनू की पढ़ाई के लिए भेजते थे. सोनू अपने घर में इकलौते बेटे थे और दो छोटी बहनें थीं जिनकी शादी करनी थी. 


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