पटना: बिहार में जातीय जनगणना (Bihar Caste Census) कराए जाने का फैसला हो गया है. बुधवार को हुए सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) में सर्व सम्मत से सभी दलों ने जाति आधारित जनगणना (Caste Based Census) कराए जाने के प्रस्ताव को मंजूर किया है. कैबिनेट से जल्द ही निर्णय लेकर राज्य में जातीय जनगणना कराई जाएगी. इसके लिए फंड का भी इंतजाम कर लिया गया है. इसका नाम जाति आधारित जनगणना होगा.


इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने कहा कि बहुत जल्द कैबिनेट से निर्णय ले लिया जाएगा. सभी लोगों की राय हो चुकी है. बिहार में जातिगत जनगणना की जाएगी. इसका मुख्य मकसद लोगों को आगे बढ़ाना है. सीएम ने कहा कि जनगणना के लिए जैसे-जैसे काम होता रहेगा, सभी दलों को इसकी सूचना दी जाती रहेगी.


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जल्द समय सीमा निर्धारित की जाएगी


इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि नौ महीने पहले राष्ट्रीय स्तर की जातीय जनगणना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास गए थे, लेकिन जब बात आ गई है कि राज्य स्तर तक करना है तो हम लोग आज बैठे हैं. जल्द समय सीमा निर्धारित की जाएगी और जो पैसे लगेगा उसका भी इंतजाम कर लिया गया है.


सर्वदलीय मीटिंग में मौजूद रहे ये नेता


जातीय जनगणना के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तारा किशोर प्रसाद, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, आरजेडी नेता मनोज झा ,सीपीआई से महबूब आलम सहित चार विधायक, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा, एआईएमआईएम से अख्तरुल इमान, जेडीयू से विजेंद्र यादव, विजय कुमार चौधरी और श्रवण कुमार, हम पार्टी जीतनराम मांझी मौजूद रहे. हालांकि, इस बैठक में वीआईपी सुप्रीमो व पूर्व मंत्री मुकेश सहनी, एलजेपी (रामविलास) के चिराग पासवान को नहीं बुलाया गया था.


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