पटना: बिहार में हो रही जातीय गणना की वैधता पर अभी भी ग्रहण लगा हुआ है. आज सोमवार (7 अगस्त) को जातीय गणना की वैधता बरकरार रखने के पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) के फैसले को चुनौती देने संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई होगी. अब देखना होगा कि पटना हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट आज क्या निर्णय होता है.
दरअसल, पटना हाईकोर्ट की ओर से जातीय गणना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं एक अगस्त को खारिज कर दी गई थीं. इसके बाद पटना हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली गैर सरकारी संगठन "एक सोच एक" प्रयास की याचिका सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ के समक्ष आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर आज की सुनवाई की सूची अपलोड की गई है.
हाईकोर्ट के फैसले के बाद बिहार में शुरू है गणना
बता दें कि एक अगस्त को जातीय गणना पर पटना हाईकोर्ट द्वारा सभी याचिका खारिज किए जाने के बाद बिहार सरकार पुनः जातीय गणना कराने के लिए तत्पर हो चुकी है. सभी जिले के जिलाधिकारियों को निर्देश भी मिल चुका है और जिलाधिकारी अपने स्तर से जातीय गणना कराने का काम सुचारू रूप से शुरू कर चुके हैं. स्कूलों के शिक्षक एवं प्रखंड लेवल और नगर लेवल के अधिकारियों को जातीय गणना के कार्य में तेजी लाने के लिए लगाया गया है.
पटना में बिहार जाति आधारित गणना, 2022 के द्वितीय चरण के डाटा एंट्री कार्यों में तकनीकी सहायता के लिए जिला स्तर से 08 चार्जों, नगर निगम के छह अंचलों, दानापुर निजामत नगर परिषद और फुलवारीशरीफ नगर परिषद- में 32 कार्यपालक सहायकों की प्रतिनियुक्ति की गई है. विभिन्न प्रखंडों में 100 से अधिक कार्यपालक सहायक डाटा एंट्री कार्य में सहयोग करेंगे.