पटना: बिहार विधानसभा भवन के सौ साल पूरे होने के अवसर पर आज बिहार विधान मंडल के सेंट्रल हॉल में शताब्दी समारोह और प्रबोधन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. समारोह को लेकर व्यापक तैयारी की गयी है. इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि सौ वर्षों के इतिहास को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए सभी तरह के इंतजाम किए गए हैं.


सीएम नीतीश समेत ये नेता करेंगे संबोधित


उद्घाटन समारोह के तीन घंटे पहले सत्र के कार्यक्रम को विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी, परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह, संसदीय मंत्री विजय कुमार चौधरी और विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव संबोधित करेंगे. दूसरे सत्र में विधानमंडल के सदस्यों के प्रबोधन का कार्यक्रम होगा.


अप्रैल-मई में होगा भव्य समारोह का आयोजन

इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि अप्रैल-मई में एक भव्य समारोह का आयोजन किया जाएगा, जिसका उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, जबकि समापन कार्यक्रम में पीएम मोदी शिरकत करेंगे. दोनों ने कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सहमति दे दी है. हालांकि, इसकी तिथि अभी तय नहीं हुई है.


7 फरवरी क्यों है बिहार विधानसभा के लिए अहम?

बता दें कि बिहार के इतिहास में 7 फरवरी एक महत्वपूर्ण तारीख है. इसी तारीख को साल 1921 में पटना में लेजिस्लेटिव काउंसिल की पहली बैठक हुई थी. यह बैठक उसी भवन में हुई थी, जिसे आज बिहार विधानसभा के नाम से जाना जाता है. इतिहास की बात करें तो 1919 में बिहार और उड़ीसा को स्वतंत्र राज्य का दर्जा मिला था. लेजिस्लेटिव काउंसिल में सदस्यों की संख्या 103 तय की गई. उनमें 76 निर्वाचित और 27 राज्यपाल द्वारा मनोनीत सदस्य थे.


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