Bihar Niyojit Teacher: बिहार में सक्षमता परीक्षा को लेकर नियोजित शिक्षकों (Niyojit Teachers) का विरोध लगातार जारी है. इस बीच प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री और आरजेडी नेता चंद्रशेखर यादव (Chandrashekhar Yadav) नियोजित शिक्षकों की मांग के समर्थन में उतर आए हैं. पूर्व मंत्री चंद्रशेखर यादव ने नियोजित शिक्षकों की मांग को जायज ठहराया है और सरकार से बिना किसी शर्त के उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने के लिए सक्षमता परीक्षा लेने की जरुरत नहीं है.
बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में करीब 4 लाख नियोजित शिक्षक हैं. सरकारी स्कूलों में 10-15 साल से ये नियोजित शिक्षक पढ़ा रहे हैं. ऐसे में इन शिक्षकों को बिना सक्षमता परीक्षा के और बिना किसी शर्त के राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए. पात्रता या दक्षता परीक्षा कई साल पहले ही वो पास कर चुके हैं इसलिए राज्य कर्मी का दर्जा देने के लिए सक्षमता परीक्षा लेने की जरुरत ही नहीं है.
बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री ने क्या कहा?
बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कि इन शिक्षकों को परेशान किया जा रहा है. सरकार का आदेश है कि 5 बार परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा और परीक्षा देना ही होगी. पास होने पर राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा. जो फेल होंगे उनकी नौकरी चली जाएगी. मैं यह कहना चाहता हूं कि नौकरी छीनने का अधिकार सरकार को नहीं है. नियोजित शिक्षकों की जो नियमावली है, उसमें साफ है कि 60 साल तक नियोजित शिक्षक नौकरी कर सकते हैं.
'नियोजित शिक्षकों का हक दिलाकर रहेंगे'
चंद्रशेखर यादव ने आगे कहा कि सरकार यह नियम लाए कि जो नियोजित शिक्षक परीक्षा में सफल नहीं हो पाएंगे, वो भी सरकारी स्कूलों में ठीक वैसे ही पढ़ाते रहेंगे जैसे सालों से पढ़ाते आ रहे हैं. नियोजित शिक्षकों के मुद्दे पर हम लोग राजनीति नहीं कर रहे हैं. हमलोग शिक्षकों को उनका हक दिलवा कर रहेंगे. सड़क से लेकर सदन तक में ये मुद्दा उठाते रहेंगे. उनकी मांग पूरी तरह से जायज है. उन्होंने ये भी कहा कि मेरे ही प्रयास से बिहार में BPSC परीक्षा पास कर दो लाख से अधिक शिक्षकों को नौकरी मिली.
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