Bihar Hooch Tragedy: बिहार के छपरा में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत हो चुकी है. संख्या लगातार बढ़ रही है. आंकड़ों को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि 70 के आसपास लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है. छपरा के मशरक में सबसे अधिक लोगों की जान गई है. शनिवार को एबीपी न्यूज़ की टीम मशरक पहुंची. रिपोर्ट पढ़कर आप चौंक जाएंगे कि आज जो छपरा की तस्वीर है वह और भयावह हो सकती थी. पढ़िए एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.
जहरीली शराब कांड की पड़ताल के लिए शनिवार को एबीपी न्यूज़ की टीम मशरक के बहरौली गांव पहुंची. यहां कुछ लोगों से बात करने पर चौंकाने वाले खुलासे हुए जो प्रशासन के दावे की पोल खोलती है. बहरौली ग्राम पंचायत के मुखिया अजीत सिंह ने बताया कि बिना पोस्टमार्टम के ही कई लाशें जला दी गईं. कहा कि सबको पता था था शराब कहां बिकती है और कौन बेचता है. पुलिस से शिकायत भी की थी पर कार्रवाई नहीं हुई.
बिना पोस्टमार्टम के जलाए गए कई शव
मशरक की बहरौली ग्राम पंचायत में तीन ऐसे मामलों की पुष्टि हुई जहां जहरीली शराब से मौत हुई लेकिन पोस्टमार्टम नहीं कराया गया. ऐसे ही शव को जला दिया गया. ऐसा सिर्फ डर के चलते किया गया. कोई नहीं चाहता था कि किसी झंझट में वो पड़ें इसलिए बिना पोस्टमार्टम के ही लाश जला दी गई. बहरौली के मुखिया ने ही यह बात बताई.
मशरक ब्लॉक की गंगौली ग्राम पंचायत की मुखिया ज्ञानती देवी के पति परमात्मा मांझी ने भी बताया कि लोगों ने डर के मारे खुद ही लाशें जला दीं. मरने वालों की संख्या अधिक है. सभी शवों का पोस्टमार्टम ही नहीं हुआ. मुआवजा नहीं मिलना था, इसलिए भी लोगों ने लाशों को जला दिया.
बारात में शराब सप्लाई की थी तैयारी
मौतों का जो आंकड़ा अभी छपरा से सामने आ रहा है वह आज और ज्यादा हो सकता था. बहरौली ग्राम पंचायत के मुखिया अजीत सिंह ने कहा कि सबसे अधिक मौतों वाले बहरौली ग्राम में शराब के वेंडर शैलेंद्र राय ने कई लीटर शराब जमा कर रखी थी. उसके पड़ोस में बारात थी. बारात में शराब की सप्लाई होने वाली थी लेकिन शैलेंद्र राय ने सप्लाई से पहले खुद पी ली और उसकी जान चली गई. अगर बारातियों तक शराब पहुंच जाती तो हाहाकार मच सकता था.