Martyr Deepak Yadav Last Rites: बिहार के सारण छपरा के बनियापुर थाना क्षेत्र के लौवा कला गांव के शहीद दीपक यादव का पार्थिव शरीर समवार की शाम उनके गांव पहुंचा. जहां नम आंखों से लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. परिजन इस बात को समझ ही नहीं पा रहे हैं कि दीपक यादव इतना जल्दी परिवार को छोड़ कर चले जाएंगे. शहीद जवान को एक आठ वर्ष का पुत्र है. वही बड़े भाई विजेंद्र कुमार यादव भी भारतीय सेना में कार्यरत हैं. 


सेना की गाड़ी पहुंचते ही गमगीन हुआ माहौल


परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे स्थानीय लोगों ने बताया कि जवान का शव सोमवार शाम को पैतृक गांव पहुंचा. शहीद जवान का पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. पूरा परिवार गम में डूबा हुआ है. वहीं गांव के लोगों को और परिवार के सदस्यों को गर्व है कि देश के लिए दीपक यादव शहीद हुए हैं. देश का नाम उन्होंने रौशन किया है. उनकी पत्नी कहती हैं कि हमारी हमेशा बात होती थी वो मुझे हर चीज हर बात बताते थे, पूरी जानकारी देते थे. मुझे ये उम्मीद बिल्कुल नहीं थी इतना जल्दी वो मुझसे दूर हो जाएंगे. 


क्या कहती हैं मृतक की पत्नी


पत्नी अनीता यादव ने बताया कि वे हैडक्वाटर स्थित अपने आवास पर थीं, तभी गुरुवार को उनका फोन आया कि तीन दिनों के लिए विशेष ऑपरेशन में जा रहे हैं, फोन पर बात नहीं होगी. उन्होंने अंतिम बार मुठभेड़ से पहले शनिवार की सुबह "गुड मॉर्निंग" का मैसेज भेजे थे, लेकिन बात नहीं हुई थी, और शाम सेना अधिकारियों ने सूचना मिली कि दीपक यादव घायल हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है और देर रात तक शहादत की खबर मिली. वो अपने आठ वर्षीय पुत्र रजनीश को गोद में लिए विलाप करती बेसुध है.


क्या कहती हैं शहीद की मां


शहीद दीपक यादव की मां कुवारी देवी ने बताया कि तीन माह पहले अप्रैल में दस दिनों के लिए छुट्टी पर आए थे और उस दौरान छह दिनों तक घर रहे और फिर अपने कर्तव्य पर लौट गए. शहादत होने से एक दिन पूर्व वीडियो कॉल करके उन्होंने अपनी माता पिता से बात की थी, लेकिन ज्यादा देर तक कुछ बात नहीं हो पाई. शहीद की बहन मंजू देवी अपने भाई की शहादत की खबर से स्तब्ध है और उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले से उनसे बात हुई थी तो बताया कि रक्षाबंधन पर जरूर आऊंगा, लेकिन रक्षाबंधन से एक सप्ताह पहले ही उसकी शहादत की खबर आई, जो एक बहन के लिए असहनीय पीड़ा है.



गांव के लोगों की आंखों में आंसू 


जम्मू के अनंतनाग में आतंकियों से मुठभेड में शहीद हुए पैरा कमांडो के हवलदार दीपक यादव की अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पर स्थानीय प्रशासनिक जनप्रतिनिधि सहित स्थानीय लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. शहादत की खबर सुनकर पहुंचे सभी लोग उनकी एक झलक देखने को बेचैन थे. दीपक यादव 2008 में सेना में भर्ती हुए थे. जबकि 2013 में उनकी शादी अनीता यादव से हुई थी. उन्हें एक आठ वर्ष का पुत्र रजनीश कुमार है. शहीद दीपक यादव के भाई भी सेना में कार्यरत हैं, वही उनके पिता सुरेश राय ने बेटे की शहादत पर गर्व किया है. उन्होंने कहा कि बेटे को खोने से ज्यादा उसकी शहादत पर गर्व है.


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