Bihar Chhath Puja 2021: लोकआस्था के महापर्व छठ पर आज व्रतियों ने उगते सूर्य को दिया अर्घ्य, चार दिवसीय पूजा हुई संपन्न
छठ की शुरुआत सोमवार को नहाय-खाय के साथ हुई थी. मंगलावर को खरना हुआ. पर्व के तीसरे दिन व्रतियों ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया था और चौथे दिन यानी आज उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया,
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Bihar Chhath Puja 2021: पूर्वांचलियों के चार दिवसीय पर्व छठ पूजा का आज सामापन हो गया. बिहार में आज घाटों पर छठ की अद्भुत छठा बिखरी हुई नजर आई. लोकआस्था के इस महापर्व पर आस्था का जनसैलाब उमड़ा नजर आया. व्रतियों ने उदयगामी (उगते हुए) सूर्य को नदी या तालाब में खड़े होकर अर्घ्य दिया.
प्रदेश के सभी घाटों पर व्रतियों ने भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया
छठ पूजा के लिए पटना में मनेर, दानापुर से लेकर बाढ़, फतुहा और मोकामा तक घाटों पर काफी संख्या में व्रती और श्रद्धालुओं ने सूर्यदेव को अर्घ्य दिया. इस दौरान प्रशासन और स्थानीय पूजा समितियों द्वारा श्रद्धालुओ की सुविधा के लिए व्यापक बंदोबस्त किए गए. रौशनी से नहाए पटना के घाट हो या समस्तीपुर के या फिर मुजफ्फरपुर के हर जगह व्रतियों ने पूरी श्रद्धाभाव के साथ पानी में खड़े होकर भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया और छठ मैया से अपनी मनोकामना पूर्ण करने की मन्नत भी मांगी. इस के साथ छठ पूजा आज सम्पन्न हुई.
सोमवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ था छठ पर्व
छठ की शुरुआत सोमवार को नहाय-खाय के साथ हुई थी. मंगलावर को खरना हुआ. पर्व के तीसरे दिन व्रतियों ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया था और चौथे दिन यानी आज उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया, जिसके बाद प्रसाद वितरण भी हुआ. इन सबके बाद ही व्रती महिलाएं व्रत का पारण करती हैं.
छठ पर सूर्यदेव और उनकी बहन छठ मैया की उपासना का है महत्व
बेहद पवित्र माने जाने वाले छठ पर्व पर सूर्यदेव और उनकी बहन छठ मैया की उपासना का बहुत महत्व है. छठ का व्रत काफी कठिन माना जाता है. 36 घंटे निर्जला व्रत रखने के बाद उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत पूर्ण हो जाता है. ये व्रत परिवार की सुख-समृद्धि और संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है.
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