गोपालगंज: लोक आस्था के महापर्व छठ पर दिल्ली, पंजाब और हरियाणा समेत अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासी घर लौट रहे हैं. घर लौटने में लोगों को भारी परेशानी भी हो रही है. ट्रेनों में ना तो जगह है ना ही टिकट मिल रहा है. ऐसे में कोई बस का सहारा ले रहा है तो कोई मालवाहक में पिंजरे के जैसा बनाकर जान जोखिम में डालकर लौट रहा है. गाड़ियों में जानवरों की तरह भर-भर कर वे डबल पैसे देकर आ रहे हैं.


गुरुवार (16 नवंबर) की सुबह दिल्ली से एक मालवाहक ट्रक में महिलाओं और बच्चों को जानवरों की तरह भर कर गोपालगंज लाया गया. उन्हें मुजफ्फरपुर जाना था. यूपी-बिहार के बलथरी चेकपोस्ट पर पहुंचते ही इनमें से कई मजदूर ऐसे थे जो बीमार हो चुके थे. प्रवासी मजदूरों का कहना था कि ट्रेनों में टिकट लेने के बाद भी जगह नहीं मिल रही है कि वे घर लौट सकें.



बस में डबल किराया देने के बाद भी सीट नहीं


मोतिहारी के राज कुमार शर्मा ने बताया कि त्योहार पर घर लौटना जरूरी है. बस में दोगुना किराया देने के बाद भी सीट नहीं मिली. ऐसे में मुजफ्फरपुर जा रहे मालवाहक ट्रक में ही बैठकर सफर करना पड़ा. ट्रक से भी दिल्ली से मोतिहारी तक जाने के लिए प्रति व्यक्ति सात सौ रुपये वसूले गए हैं.


बस में एक सीट पर तीन से चार यात्री


दिल्ली से आने वाली बसों में खचाखच भीड़ दिख रही है. बलथरी चेकपोस्ट पर जांच के लिए रोकी गई बसों में एक सीट पर तीन से चार यात्रियों को उपर-नीचे करके बैठाया गया था. कई यात्री खड़े होकर दिल्ली से दरभंगा जा रहे थे. एक बस में लगभग 40 सीट होती है लेकिन 80 से 100 यात्रियों को बैठाया गया था.


ट्रेनों में भी खड़े होकर करनी पड़ी यात्रा


थावे जंक्शन पर पहुंचे यात्रियों ने बताया कि दिल्ली से सीवान तक आने के लिए खड़े होकर सफर करना पड़ा है. ट्रेन में सीट तीन महीने पहले ही फुल हो गई थी. घर लौटना मजबूरी था इसलिए टिकट लेकर ट्रेन के गेट और अन्य जगहों पर खड़े होकर सफर करना पड़ा है.


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