Chhath Vrati Offering Arghya: नालंदा में लोक आस्था का महा पर्व छठ पूजा सूर्योपासना के तीसरे दिन गुरूवार की शाम में व्रतियों ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. भगवान सूर्यदेव को जल अर्पण करने के लिए जिले के सभी घाटों पर श्रद्धा का जनसैलाब उमड़ पड़ा था. सबसे ज्यादा द्वापरकालीन बड़गांव और औंगारी धाम में अपार भीड़ दिखी गई है, इस जगह देश के कोने-कोने से श्रद्धालु अनुष्ठान करने यानि नहाय-खाय के दिन से ही पहुंचे जाते है.


व्रतियों ने घाटों पर की पूजा-अर्चना 


छठ पर्व पर ऐसी आस्था है कि साक्षात देव सूर्य को अर्घ्य देकर श्रद्धालुओं ने घर व समाज की खुशहाली का आशीर्वाद मांगते हैं. शुक्रवार की अहले सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद चार दिवसीय अनुष्ठान का पारण किया जाएगा.  इसके साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास भी खत्म हो जाएगा. नालंदा के बड़गांव में व्रतियों ने कष्टी देते हुए घाट से मंदिर पहुंची है, जहां पूजा-अर्चना की गई.


बिहार शरीफ शहर के बाबा मणिराम अखाड़ा, मोरा तालाब, कोसुक, सोहसराय, रेलवे स्टेशन समेत अन्य छठ घाट पर छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य प्रदान कर अपने परिवार के निरोग और समृद्धि की कामना की है. बिहार शरीफ में छठ घाट पर एसडीओ, डीएसपी खुद घूम घूमकर विधि व्यवस्था का जायजा ले रहे थे. छठ घाट पर इस इस बार सुरक्षा व्यवस्था कड़ी थी पुलिस बल में महिला पुलिस कर्मी को भी तैनात किया गया था.


छठ में स्वच्छता का होता है महत्व


लोक आस्था का महापर्व छठ में स्वच्छता का बहुत महत्व माना जाता है. पूजा से लेकर प्रसाद बनाने और खान पान व आचरण तक में शुद्धता और स्वच्छता का पूरा ख्याल भी रखा जाता है. छठ पर्व ही नहीं प्रतिदिन शहर में स्वच्छता हो इसके लिए जागरूकता को लेकर बिहार शरीफ नगर निगम की ओर से एक अच्छी पहल की गई है, सभी छठ घाट पर स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया है. घाटों पर हस्ताक्षर बोर्ड लगाया गया था.


ये भी पढ़ेंः Sharda Sinha Tribute: पटना में छठ घाट पर शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि, रेत से बनाई गई प्रतिमा