वैशाली: बिहार के वैशाली में छेड़खानी का विरोध करने पर लड़की को जिन्दा जलाने के मामले के मुख्य आरोपी सतीश यादव ने बुधवार को खुद 18 दिन बाद पुलिस मुख्यालय पहुंचकर सरेंडर किया. महनार एसडीपीओ के कार्यालय पहुंचे मुख्य आरोपी सतीश ने खुद को बेकसूर बताया और कहा कि उसे इस मामले में फंसाया गया है. घटना वाले दिन वह गांव में नहीं था. इस मामले में नाम आने के बाद वह खुद पुलिस के सामने आया है.


मालूम हो कि इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी चंदन यादव को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है. वहीं मामले में चंदपुरा थाने के एसएचओ को लापरवाही करने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है. दरअसल, पुलिस ने इस मामले में घटना की सूचना मिलने के बाद भी एफआईआर दर्ज करने में 4 दिन लगा दिए थे.


वहीं, एफआईआर दर्ज करने के 15 दिन बाद भी एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया था. पीड़िता की मौत के बाद भारी फजीहत और सियासी मुद्दा बनने के बाद पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया और एसएचओ को भी निलंबित कर दिया था. हालांकि, मामले में फरार चल रहे दो अन्य आरोपियों में से एक सतीश यादव ने आज खुद मुख्यालय पहुंचकर सरेंडर कर दिया है.


दरसअल, वैशाली के देसरी थाना क्षेत्र के चंदपुरा ओपी के एक गांव में लगभग 20 दिन पहले एक 20 साल की युवती को गांव के ही दबंगों ने छेड़खानी का विरोध करने पर जिंदा जल दिया था. तीन दिन पहले युवती की पटना के पीएमसीएच में इलाज के दौरान मौत हो गई. युवती के मौत होने तक पुलिस ने मामले में कार्रवाई नहीं की थी.


ऐसे में नाराज परिजनों ने मृतिका के शव के साथ हंगामा करना शुरू किया, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और चंदपुरा ओपी के थानाध्यक्ष को सस्पेंड करते हुए मामले में शामिल 2 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया वहीं, एक अन्य की गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है.