बिहार: अवैध निकासी मामले में मुखिया गिरफ्तार, सात लोगों के साथ मिलकर की लाखों की हेराफेरी
सरकारी योजना में व्यापक गड़बड़ी का खुलासा उस वक्त हुआ जब एक ग्रामीण द्वारा पिपरा बीडीओ सहित तमाम वरीय अधिकारी और लोकायुक्त पटना को आवेदन देते हुए मामले में जांच की मांग की गई.
सुपौल: मुख्यमंत्री गली-नली पक्कीकरण योजना की राशि में लाखों की हेराफेरी करने के मामले में सोमवार को सुपौल जिले की पिपरा थाना पुलिस ने जिले के दुबियाही पंचायत के मुखिया बद्री नारायण सरदार को गिरफ्तार कर लिया. वहीं, उन्हें न्यायिक हिरासत में सुपौल भेज दिया है. मिली जानकारी अनुसार आरोपी मुखिया ने अन्य सात लोगों के साथ मिलकर योजना में 24 लाख 81 हजार 280 रुपये की अवैध निकासी की है. इस मामले में पंचायत सचिव त्रिलोकी राम, तत्कालीन जेई पंकज कुमार, मुखिया पुत्र अशोक सरदार, ललित सरदार और दो वार्ड सदस्य सहित एक अन्य व्यक्ति को नामजद अभियुक्त बनाया गया है.
इस तरह पूरे मामले का हुआ खुलासा
बता दें कि सरकारी योजना में व्यापक गड़बड़ी का खुलासा उस वक्त हुआ जब एक ग्रामीण द्वारा पिपरा बीडीओ सहित तमाम वरीय अधिकारी और लोकायुक्त पटना को आवेदन देते हुए मामले में जांच की मांग की गई. मामले को तूल पकड़ता देख डीडीसी सुपौल ने पंचायतीराज पदाधिकारी पिपरा को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए मामले में विस्तृत जानकारी मांगी थी. जांच रिपोर्ट आने के बाद अधिकारियों के भी होश उड़ गए.
अधिकारियों को नहीं लगी भनक
ऐसे में आननफानन इस मामले में डीएम सुपौल द्वारा निर्देशित पत्र पर कार्रवाई करते हुए सरकारी राशि के दुरुपयोग का मामला बनाते हुए दुबियाही पंचायत के कुल आठ लोगों को आरोपित किया गया. सबसे चौंकाने वाली बात यह कि प्रखंड कार्यालय के नाक के नीचे इतने बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया, लेकिन इसकी भनक किसी भी संबंधित अधिकारी को नहीं लगी.
इस मामले में ग्रामीणों ने बताया कि दुबियाही पंचायत के वार्ड नं-07 में न केवल एक ही सड़क में दो बार योजना की गई, बल्कि किसी अन्य सड़क की योजना को दिखा कर योजना की राशि भी मुखिया द्वारा डकार ली गई. इस मामले में प्रखंड पंचायतीराज पदाधिकारी पिपरा रूपेश कुमार द्वारा पिपरा थाना काण्ड संख्या को दर्ज कराया गया था.
थानाध्यक्ष ने कही ये बात
इधर, एफआईआर दर्ज होने के बाद पंचायत कार्य बाधित होने से परेशान ग्रामीणों ने डीएम सुपौल को पत्र भेजकर तात्कालिक चल रहे योजनाओं को चालू करने की भी मांग की थी. हालांकि, मामला प्रकाश में आने के बाद सभी योजनाओं पर रोक लगा दी गयी है. मुखिया की गिरफ्तारी के बाद से ही इलाके में हलचल तेज है. थानाध्यक्ष संतोष कुमार निराला का कहना है कि दुबियाही मुखिया बद्री नारायण सरदार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में सुपौल भेज दिया गया है. शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर लगातार छापामारी की जा रही है.
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