सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी जिले के रीगा प्रखंड के रीगा प्रथम पंचायत के मुखिया पति बिंदेश्वर पासवान और उसके बेटे ने सोमवार को इमली बाजार गांव में एक युवक की पंचायत करने के नाम पर बुलाकर बेरहमी से पिटाई की थी. अब इस मामले ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया है. युवक के साथ हुए मारपीट के विरोध में बुधवार को सैकड़ों महिलाओं ने रीगा-मेजरगंज पथ को इमली बाजार के समीप जाम कर दिया और आगजनी कर प्रशासन विरोधी नारे लगाए.


आक्रोशित लोग मुखियापति बिंदेश्वर पासवान और अन्य लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही युवक के इलाज के खर्चे की मांग कर रहे थे. इधर, घटना की सूचना मिलने के बावजूद पुलिस और अन्य अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे. ऐसे में आक्रोशित ग्रामीणों ने थाने का घेराव किया. इस दौरान तकरीबन 4 घंटे तक रीगा का रोड पूरी तरह जाम रहा.


प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण पुलिस पर रिश्वत लेकर मामला रफा-दफा करने का आरोप लगा रहे थे. हालांकि, बाद में कई स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता के साथ ही मुखिया पति बिंदेश्वर पासवान को मौके पर बुलाया गया. मुखिया ने युवक के साथ हुए घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और युवक के इलाज में होने वाले खर्च को देने के आलावा युवक के स्वस्थ होने तक उसके परिवार का खर्च उठाने की जिम्मेवारी ली. तब जाकर जाम समाप्त हुआ.


क्या है यह पूरा मामला?


मिली जानकारी अनुसार सोमवार को मामूली विवाद में इमली बाजार निवासी स्व. नथुनी साह का बेटा सुशील साह जो मानसिक रूप से विक्षिप्त है, उसकी मुखिया पति और उनके बेटे ने पिटाई की और उसे घर में बंद कर दिया. घटना के दिन ही शाम में मामले को लेकर पंचायत बैठी, जहां सुशील को भी मौजूद रहने को कहा गया था, लेकिन वह अनुपस्थित रहा.


ऐसे में मुखिया के समर्थकों ने सुशील को घसीटते हुए पंचायत में लाया, पंचायत शुरू होने के पूर्व ही सुशील की जमकर पिटाई कर दी. परिजन उसकी जान की गुहार लगाते रहे, लेकिन उस तब तक पीटा गया, जब तक कि वह बेहोश न हो गया. इसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से सुशील को इलाज के लिए सीतामढ़ी सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से बेहतर इलाज के लिए उसे मुजफ्फरपुर रेफर कर दिया गया. पीड़ित काफी गरीब परिवार से है, ऐसे में आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण परिजन बुधवार की सुबह मुजफ्फरपुर से उसे लेकर घर लौट आए.


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