LJPR On Batenge To Katenge: बीजेपी के 'बटेंगे तो कटेंगे' के नारे पर चिराग पासवान (Chirag Paswan) की पार्टी एलजेपीआर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी प्रवक्ता विनीत सिंह ने कहा कि 'बटेंगे तो कटेंगे' का संदर्भ बड़ा व्यापक है. अगर आपको इतिहास में लेकर जाऊं तो जब-जब देश के संगठन शक्ति का क्षरण हुआ है, मुगलों, अंग्रेजों का समय हो, देश में तब तब विषम परिस्थितियां पैदा हुई हैं. ऐसी स्थितियों को लेकर ही इस तरह के नारे दिया गए हैं.


एलजेपीआर ने बताए 'बटेंगे तो कटेंगे' के मायने


विनीत सिंह ने कहा कि आज भी कुछ ऐसे लोग देश हैं, जो हमसे द्वैष पूर्ण व्यवहार रखते हैं. जैसे चीन, पाकिस्तान. इन देशों के समर्थक हमारे देश की राजनैतिक पार्टियों में भी मौजूद हैं. ऐसी शक्तियों से हमें बचकर रहने व एकजुट रहने की जरुरत है. अगर एकजुट हम लोग रहेंगे तो देश में पहले वाली स्थिति पैदा नहीं होगी और मजबूती से हम लोग विकास के मार्ग पर अग्रसर होंगे.


इस मुद्दे पर लोजपा (रामविलास) ऐसे समय पर बीजेपी का समर्थन कर रही है, जब केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान का वक्फ बोर्ड संशोधित विधेयक, जातीय गणना, आरक्षण, लैटरल एंट्री पर केंद्र सरकार से अलग स्टैंड रहा है. बता दें कि बीजेपी तरफ से यूपी समेत देश भर में कई राज्यों में पोस्टर लगाए गए हैं कि हिंदू तब ही सुरक्षित रहेंगे जब एकजुट रहेंगे. बटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे.


बीजेपी के इस नारे से जेडीयू सहमत नहीं है. इस मुद्दे पर जदयू और बीजेपी में तकरार देखने को मिल रही है. वहीं इस मुद्दे पर बीजेपी और जेडीयू तब आमने-सामने हैं, जब पटना में गुरुवार को आरजेडी की तरफ से पोस्टर लगाए गए हैं जिसमें लिखा गया कि न 'बटेंगे न कटेंगे, तेजस्वी से जुड़ेंगे' और तेजस्वी को 2025 का सत्ताधीश बताया गया है.


जेडीयू के बड़े मुस्लिम चेहरे एवं एमएलसी गुलाम गौस ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा कि इस तरह के नारे की देश में कोई जरुरत नहीं है. हम लोग तो एकजुट हैं, इस नारे की जरुरत उन लोगों को है जिनको एक संप्रदाय के नाम पर वोट चाहिये. जब देश का प्रधानमंत्री राष्ट्रपति गृह मंत्री हिन्दू है तो देश में हिन्दू फिर कैसे असुरक्षित हो गये? यह जवाब बीजेपी दे. मुद्दा बेरोजगारी महंगाई भुखमरी है. बिहार में बंटोगे तो कटोगे का नारा नहीं चलेगा. नीतीश की सेक्युलर छवि है.


बीजेपी का इस नारे पर क्या है कहना?


वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ अजय आलोक ने एबीपी न्यूज से बातचीत में गुलाम गौस पर पलटवार करते हुए कहा कि हिन्दू बटेंगे तो कटेंगे और निर्ममता से कटेंगे. कसाई की तरह निर्ममता से मारेंगे. हम लोग कटे हैं. 1947 में कटे हैं. उसके बाद कई बार दंगों में कटे हैं. बिहार के हिंदू भाइयों से अपील है मिल कर रहिये, साथ रहिये. बंटेगे तो कटेंगे. एक हैं तो सेफ हैं. जो लोग सिर तन से जुदा का नारा दे रहे हैं. बटेंगे तो कटेंगे के नारे का विरोध कर रहे हैं. गुलाम गौस की पृष्ठभूमि बिहार में हर कोई जानता है. क्या वह अपने आप को इस देश का हिस्सा मानते हैं?


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