पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड द्वारा बने विभिन्न योजनाओं उद्घाटन और शिलान्यास के मौके पर विपक्ष को फिर आड़े हाथ लिया और कहा कि बहुत सारे लोगों को वस्तुस्थिति की अवहेलना की इच्छा रहती है. लोग चाहे जो कहें शिक्षा के क्षेत्र कितना उत्थान हो रहा है.


नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में बजट 20 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च हो रहा है. 2005 में शिक्षा का बजट 4366 करोड़ था अब बढ़ कर 35191 करोड़ हो गया है. सीएम ने इशारे इशारे में कहा कुछ लोग दूसरे तरह से प्रचारित करते है अगर उन्हें प्रचारित करने में आनंद आता है तो करें. हम सेवा करने वाले हैं जनता मालिक है.


सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कई जिलों में 3304 स्कूल भवनों का भी शिलान्यास किया. सीएम नीतीश ने इसके साथ इन स्कूलों में निर्मित भौतिक संरचनाओं और शिक्षा विभाग की ओर से पटना में बनाए गए विभिन्न भवनों का भी उन्होंने उद्घाटन किया.


नीतीश कुमार बोले- बिहार में शिक्षा व्यवस्था के सुधार के लिए लगातार काम कर रहे हैं
बिहार के शैक्षणिक योजनाओं के शुभारंभ के मौके पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम बिहार में शिक्षा व्यवस्था के सुधार के लिए लगातार काम कर रहे हैं. इस वार मैट्रिक की परीक्षा में लड़कियां लड़के बराबरी पर आगये. हर ग्राम पंचायत में उच्च प्राथमिक विद्यालय हो इसको लेकर विभाग ने काम पूरा किया है. ये खुशी की बात है. सीएम ने कहा बिहार में 12.50 फीसदी बच्चे स्कूल जाते ही नहीं थे. इसको दूर करने के लिए टोला सेवक और तालिमें मरकज की व्यवस्था दी गई.


सीएम ने कहा कि कई योजनओं पर केन्द्र सरकार की ओर से जो अंशदान मिलता था वो 2012 के बाद से बंद हो गया. हमने गांव की महिलाओं को पढ़ाने के लिए अक्षर आंचल योजना को शुरू किया, ताकि महिलाओं को भी पढ़ाई से जोड़ा जा सके. उन्होंने कहा कि हमने छात्राओं को पढ़ाने के लिए भी काफी प्रयास किये है और लड़कियों को साइकिल से पढ़ने के लिए भेजा गया. आज बिहार के छात्र छात्रओं के लिए राज्य सरकार की ओर से साइकिल की व्यवस्था की गई. उसका परिणाम है कि हालात बदल गये हैं.


सीएम शिक्षकों के आगे भी वेतन बढ़ोत्तरी का भरोसा दिलाया. सीएम ने आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय,चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान और चाण्क्य विधि विश्वविद्यालय का भी जिक्र किया. सीएम ने आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय को सचमुच में ज्ञान विश्वविद्यालय की तर्ज पर विकसित करने की भी नसीहत विश्वविद्यालय के उपकुलपति को दिया.सीएम ने अपना संबोधन बात के साथ समाप्त किया कि शिक्षा का मतलब सिर्फ पढ़ना नहीं बल्कि ज्ञानी और कॉन्सेस होना है.


उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राजद-कांग्रेस को चुनौती दी


इस मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राजद-कांग्रेस को चुनौती दी कि वे बताएं कि उनके 15 वर्षों के राज में क्या एक भी नया शैक्षणिक संस्थान खोला गया? गाय चरानेवालों, भैस चरानेवालों,चूहा पकड़नेवालों पढ़ना-लिखना सीखों का नारा लगवा कर जो 113 चरवाहा विद्यालय खोला गया वह उन्हीं के राज में बंद भी हो गया. पहलवान विद्यालय प्रस्ताव में ही दब कर रह गया.एनडीए की सरकार ने गाय-भैंस चराने व चूहा पकड़ने वालों को स्कूलों से जोड़ा और उनकी पढ़ाई की व्यवस्था की.


मोदी ने कहा कि 15 वें वित्त आयोग को पूरक ज्ञापन देकर बिहार में डिजिटल विश्वविद्यालय और यूनिवर्सिटी ऑफ आर्ट खोलने के लिए 750 करोड़ रुपये और सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय भवनों के लिए 5,718 करोड़ की मांग की गई है. 250 करोड़ की लागत से खुलने वाले डिजिटल विश्वविद्यालय को दुनिया के तमाम यूनिवर्सिटिज और सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ने की संकल्पना है.


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कभी नियोजित शिक्षकों को अयोग्य ठहराते हुए उनकी नियुक्ति पर सवाल खड़ा करने वाले आज उनके छद्म पैरोकार बने हुए हैं.कांग्रेस के सहयोग से पति-पत्नी राज के 15 वर्षों में शिक्षा पर मात्र 34,559 करोड़ जबकि एनडीए के 15 वर्षों में 2 लाख 61,565 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं. केवल शिक्षकों के वेतन पर 23 हजार करोड़ खर्च होता है. 20 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी के निर्णय के बाद राज्य के खजाने पर 2,765 करोड़ का बोझ बढ़ेगा और वेतन राशि बढ़ कर करीब 25 हजार करोड़ रुपए हो जायेगी.



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