पटना: राजधानी पटना में रविवार को जेडीयू का खुला अधिवेशन कार्यक्रम रखा गया. इस दौरान मंच पर भाषण के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का गुस्सा फूटा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी जहां हार रही वहां की कोई चर्चा नहीं होती है, लेकिन जहां जीत रही वहां सुर्खियां बन जाती है. सीएम बोले कि साल 2005 और 2010 का दौर याद कीजिए जब साथ थे तो हम कितना जीतते थे. बीते असेंबली इलेक्शन में वो हमको हरा रहे थे. हमारे खिलाफ ही उम्मीदवार खड़ा कर रहे थे. हम तो साफ मुख्यमंत्री बनना नहीं चाहते थे, लेकिन फिर जबरदस्ती बनाए गए. उसके बाद कहा कितना भी चाहे बिहार के लिए कुछ हो ही नहीं रहा था.


बीजेपी पर निकाली भड़ास


वहीं बीते असेंबली इलेक्शन पर बीजेपी को घेरते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों का सपोर्ट मिला तो वो ज्यादा जीत गए. वो हम लोगों को हरा रहे थे तो हम कम जीत गए. आज तक कभी हुआ है कि हम जीते हैं. जब साथ थे तो कम जीते थे. साल 2005 और 2010 का याद कीजिए तब वो लोग कहां थे. वहीं इस बार जो धंधा किए और मेरे ही खिलाफ कितने उम्मीदवार खड़े कर दिए. उस वक्त हम तो साफ मुख्यमंत्री बनना नहीं चाहते थे फिर भी जबरदस्ती बनाए गए. उसके बाद बिहार के लिए कोई काम ही नहीं हो रहा था. कुछ भी नहीं हो रहा है कितना भी चाह रहे कुछ हो ही नहीं रहा था.


'पार्टी की ओर से उम्मीदवार थे हमारी इच्छा नहीं’


सीएम ने कुढ़नी उपचुनाव पर कहा कि चुनाव में कोई लड़ रहा था तो कोई हमारी इच्छा नहीं थी. सात पार्टी की महागठबंधन ने तय किया था. हमने सोचा कोई लड़ रहा है. हमारे उम्मीदवार के लिए सभी ने कोशिश भी की. हम तो पंचायत चुनाव में लगे थे. हमें तो कोई बताता था तो चीजें पता चलती थी. आगे सीएम बोले कि हमारी हार पर वो लोग खुश हो रहे हैं. उनको बड़ी खुशी हो रही, लेकिन जहां हारे हैं वहां का कोई जिक्र ही नहीं है. विभिन्न राज्यों के चुनाव में हारे तो भी कोई चर्चा नहीं है. जहां हम लोग चुनाव ही नहीं लड़े वहां के लिए कुछ भी खबर छपवा रहे. उनकी हार पर कहीं कोई चर्चा नहीं है.


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